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रानी दहरा जलप्रपात पर मौत का साया, प्रशासन अब भी खामोश अब तक नहीं हुई सुरक्षा व्यवस्था, हर साल बढ़ रहा हादसों का खतरा

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कवर्धा: कबीरधाम जिले का रानी दहरा जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य का अनुपम उदाहरण है। यह जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर और बोड़ला 8 किलोमीटर की दूरी पर है इस जलप्रपात में ऊँचाई से गिरता जलप्रवाह, हरे-भरे पहाड़ों से घिरा यह स्थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन इस मनोरम दृश्य के पीछे छुपा है एक खतरनाक सच — यहां सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है।प्रशासन की लापरवाही इस कदर हावी है कि यहां आने वाले सैलानी अब अपनी जान जोखिम में डालकर झरने का आनंद लेने को मजबूर हैं। सुरक्षा इंतजामों की कमी की वजह से यह स्थल अब तक कई जानें निगल चुका है।पिछले वर्ष राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के भांजे की इसी जलप्रपात में डूबने से मौत हो गई थी। वह अपने मित्रों के साथ रानी दहरा घूमने आए थे, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और मौके पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था के अभाव ने एक और जीवन लील लिया। कुछ इसी तरह की घटना कल फिर हुआ जिसमें पर्यटक तेज बहाव में बह गया था गया रानीदहरा वॉटरफॉल बना हादसों का गवाह: बाढ़ में बहा युवक, एक का शव बरामद, दूसरे की तलाश जारी बेमेतरा जिले के निवासी लेखराज सोनवानी पिता वातरा सोनवानी वॉटरफॉल घूमने पहुंचे थे। लौटते समय नाले को पार करते हुए अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गए और बह गए। घटना के बाद खेत में काम कर रहे ग्रामीणों ने बहते युवक को देखा और तुरंत बचाव कार्य शुरू कर उसे बाहर निकाला। ग्रामीणों ने घायल युवक को डायल 112 वाहन से अस्पताल भेजा गया बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां युवक का इलाज जारी है।

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