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जिला मुख्यालय में आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम में पत्रकारों को दी गई नवीन आपराधिक कानूनों की जानकारी,पत्रकारों ने दिखाई जिज्ञासा,अधिकारियों से पूछे नवीन संहिता से जुड़े प्रश्न

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कार्यक्रम में पत्रकारों ने नवीन कानूनों पर दिखाई जिज्ञासा, पुलिस अधिकारियों से पूछे नवीन संहिता से जुड़े प्रश्न

न्यूज डेस्क रायगढ़ : 1 जुलाई से तीन नवीन आपराधिक कानून प्रभावशील हो गए हैं । नवीन आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समाज के सभी वर्गों को नवीन कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है । जिले में नवीन कानूनों के प्रचार-प्रसार एवं आमजन को जागरूक करने के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए । इसी क्रम में आज जिला मुख्यालय में पत्रकारों को नवीन आपराधिक कानून की जानकारी प्रदान करने “परिचर्चा कार्यक्रम” आयोजित किया गया । पुलिस सामुदायिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में काफी संख्या में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े जिले के पत्रकार शामिल हुए । कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने बताया कि जिला पुलिस आमजन को नवीन कानूनों पर जागरूकता करने कई कार्यक्रम आयोजित किया गया है और आगे भी विविध जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिकों को जागरूक किया जावेगा ।

पहले आईपीसी में 420, 302 के तहत दर्ज होने वाले अपराध को धारा से ही आम नागरिक समझ जाते थे । आईपीसी- भारतीय दण्ड संहिता अब भारतीय न्याय संहिता है । कानून में हुए नवीन बदलाव से पुलिस की जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी वहीं पीड़ित को शीघ्र न्याय मिलेगा । न्याय से जुड़ा नया कानून नागरिकों को शीघ्र न्याय देने सिद्ध होगा ।

कार्यक्रम में एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला, डीएसपी अखिलेश कौशिक एवं डीएसपी अनामिका जैन द्वारा भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) पर एक-एक कर पुराने और नये कानूनों में बदलाव की जानकारी दिया । जिसमें पहले हत्या का दोषसिद्धि के लिये दंड 302 आईपीसी अब धारा 103 बीएनएस है, पहले दहेज हत्या के लिए दण्ड 304बी आईपीसी अब धारा 80 बीएनएस, पहले चोरी के लिए दण्ड 379 आईपीसी अब धारा 303 BNS, पहले बलात्कार के लिए दंड 376, अब 64 BNS होगा, पहले धोखाधड़ी के लिए सजा 420 आईपीसी अब 318 बीएनएस है । इसी प्रकार पहले 151 सीआरपीसी को अब 170 BNSS से जाना जावेगा । साथ ही नवीन कानून के तहत जांच की समयसीमा, ई-आफआईआर, महिला संबंधी अपराधों में संशोधित कानून, पीड़ित को प्रदाय करने वाली जानकारी, संवेदनशील सामाग्रियों के प्रचार-प्रसार से जुड़ी जानकारी प्रदाय की गई । इस दौरान पत्रकारों ने नवीन कानूनों के संबंध में उनके मन में उठ रहे प्रश्न पुलिस अधिकारियों से पूछकर जानकारी प्राप्त किया गया।

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