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कांग्रेस ने लगाया आरोप भाजपा का 18 लाख पीएम आवास का दावा झूठा,साय सरकार ने विगत 4 महीनों में एक भी नए हितग्रही को फूटी कौड़ी नहीं दी

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साय सरकार की दुर्भावना के चलते “आवास न्याय योजना“ अघोषित तौर पर बंद, “मोर ज़मीन मोर मकान“ योजना भी बंद

रायपुर : छत्तीसगढ़ में 18 लाख नए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार ने अभी तक एक भी नए हितग्राही को आवास निर्माण के लिए एक नया पैसा नहीं दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के विष्णुदेव साय सरकार के तथाकथित प्रधानमंत्री आवास केवल विज्ञापनों और होल्डिंग तक ही सीमित रह गया है, हकीकत भाजपा की सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ में एक भी हितग्राही के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोई भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। उल्टे पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के द्वारा “छत्तीसगढ़ आवास न्याय योजना“ भी अघोषित तौर पर बंद कर दी गई है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से “मोर ज़मीन मोर मकान“ योजना पर भी ग्रहण लग चुका है। साय सरकार की दुर्भावना के चलते लाखों गरीबों से उनका पक्का आवास का हक़ छिन गया है।

प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार का वादा था 2022 तक हर गरीब के सिर पर पक्का छत देने का लेकिन 100 दिन में महंगाई कम करने, कालाधन वापस लाकर सभी के बैंक खातों में 15-15 लाख देने और 2 करोड़ रोजगार हर साल की तरह हर गरीब को पक्का आवास देने का वादा भी जुमला निकला। केंद्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रधानमंत्री आवास के मकान की संख्या को स्वीकृति नहीं दिया है। केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार को लक्ष्य करने का अधिकार नहीं होता लेकिन विष्णु देवता सरकार खुद ही संख्या की घोषणा कर अपनी पीठ तक दबा रही है यदि 18 लाख नए सरकारी पीएम आवास के दावों में सच्चाई है तो स्वीकृत आवास योजना के आवासहीनों नाम सार्वजनिक करें।

सुरेंद्र वर्मा कहा है कि साय सरकार ने पीएम आवास योजना के लिए 3799 करोड़ का जो बजट प्रावधान किया है उसमें 18 लाख क्या 5 लाख आवास भी नहीं बन सकते। केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार मैचिंग ग्रांट की राशि जमा करती है, और केंद्र की सरकार के द्वारा स्वीकृति के उपरांत राशि जारी की जाती है। छत्तीसगढ़ में साय सरकार बनने के बाद से पिछले पौने चार माह में छत्तीसगढ़ के लिए केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा कोई नया आवास स्वीकृत ही नहीं किया गया है। ऐसे में आधार हीन झूठ और कोरी लफ्फाजी के लिए भाजपा के नेताओं को गरीब हितग्राहियों से माफी मांगने चाहिए।

वर्मा ने कहा है कि पीएम आवास योजना जनवरी 2015 में लागू की गई थी तब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकारें थी। 2011 के जनगणना के आधार पर छत्तीसगढ़ के लिए कल 18 लाख आवास का लक्ष्य तय किया गया था। 2015 से 2018 तक छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की सरकार के दौरान 237000 ग्रामीण पीएम आवास तथा 19000 शहरी आवास बनाए गए। 2018 से 2023 तक कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने 10 लाख से अधिक पीएम आवास बनाएं। शेष आवासहीनों के मकान बनाने के लिए छत्तीसगढ़ आवास न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में प्रथम किस्त अक्टूबर 2023 में डाल दिया था। केंद्रीय योजनाओं में लक्ष्य तय करने का अधिकार केंद्र की सरकार को होता है, 2015 के बाद कोई भी अतिरिक्त पीएम आवास की स्वीकृति केंद्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को नहीं दिया है। साय सरकार यह बताए कि वह किस आधार पर 18 लाख लोगों को आवास देने का दावा कर रही है? पीएम आवास का लक्ष्य पहले 2020 फिर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य था जिसे बढ़ाकर 2024 कर दिया लेकीन मोदी सरकार की अकर्मण्यता और वादाखिलाफी के चलते वह भी संभव नहीं लग रहा है।

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