
प्रदेश सरकार द्वारा रेत खनन पर रोक के बाद भी रेत माफियाओं के हौसले बुलंद तस्कर अवैध रेत डंप करने से नहीं आ रहे हैं बाज़
जगदलपुर : प्रदेश में रेत माफियाओं के खिलाफ सरकार ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है मौक़े से मौजूद गाड़ियों को जप्त भी कर रही है… लेकिन बस्तर जिले में मायनिग विभाग छोटे मोटे गाड़ियों को पकड़ कर कार्यवाही कर रही है और बड़े तस्करो को खुली छूट दे रखी है..यही कारण है कि अब खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही न होता देख भाजपा के नेता खुद कलेक्टर बस्तर को जानकारी देकर कार्यवाही करवा रहे है… प्रदेश की साय सरकार ने रेत खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.. एनजीटी के आदेश के तहत 15 जून से लेकर 15 सितंबर तक प्रदेश के सभी जिलो में रेत उत्खनन पर रोक लगाकर ताबड़तोड़ कार्यवाही भी की जा रही है… कलेक्टर बस्तर द्वारा गठित टास्क टीम द्वारा जरूर रेत तस्करों पर कार्यवाही भी लगातार की जा रही है…. लेकिन अभी भी बडे रेत माफियाओं तक टीम पहुंच नही पाई हैं… यही वजह है कि बस्तर जिले में अभी भी ऐसे बड़े रेत तस्कर है जो इंद्रावती नदी और भस्केल नदी पर बड़े-बड़े चैन माउंटिंग मशीन लगाकर नदी को चीरते हुए बड़ी मात्रा में अवैध रेत निकालकर लाखों रूपय कमा कर लाल हो रहे हैं और सरकार के राजस्व को चुना लगा रहे हैं। बता दे कि बस्तर जिले के बकावंड ब्लाक में सबसे ज्यादा रेत की तस्करी की जा रही है… और खनिज विभाग ऐसे बड़े तस्करो पर कार्यवाही करने से बच रहा है… जिसके चलते कहीं ना कहीं सरकार की छवि धूमिल होने की बात भाजपा नेता ने कही है! लेकिन अब भाजपा के नेता ने रेत तस्करों के खिलाफ उतर कर कलेक्टर बस्तर से शिकायत की है.. जिसके बाद माइनिंग विभाग मौके पर पहुंच कर लाखों रुपये के अवैध रेत डंप यार्ड पर कार्यवाही करते हुए मेजरमेंट बना कर चोरी के अवैध रेत की रखवाली के लिए चोरी करने वाले तस्कर को दे दि है! वंही मामंले में भाजपा नेता ने सवाल किया है कि आखिर मायनिग विभाग ऐसे तस्करो पर एफआईआर दर्ज क्यो नही कर रहा है…. जबकि साफ हो गया कि बस्तर जिले में कौन बड़ा रेत तस्कर है और उससे विभाग को क्या फायदा हो रहा है। प्रदेश सहित बस्तर में भी रेत खनन पर लगे रोक को लेकर विभाग कितना मुस्तैद है… ये तस्वीर ही काफी है…. जो रात के अंधेरे में बड़े-बड़े चैन माउंटिंग मशीन लगाकर रेत तस्करो द्वारा इंद्रावती व भस्केल नदी को चीरते हुए चोरी के हजारो टन रेत को डंप कर रखा गया है… तस्करों को ना शासन का डर है ना प्रशासन का और ना माइनिंग विभाग का अब ये साफ हो गया है कि जिले में बनने वाले प्रधानमंत्री आवास क्यों अधूरा है प्रधानमंत्री आवास बनाने वाले हितग्राही रेत के लिए दरबदर भटक रहे और तस्करों से महंगे दामों में रेत खरीदने को मजबूर हो गए! वही तस्कर अवैध रूप से डंप रेत को मनमानी रेट पर बेचकर मालामाल हो रहे हैं अब देखना होगा कि विभाग ऐसे तस्करों पर क्या कार्रवाई करती है।

