
ग्राम पंचायत सुंगेरा में सभी ग्रामीणों ने क़सम खाया की वे अपने गांव में स्थित नदी के स्टॉपडैम से किसी भी कीमत में फैक्ट्रियों को पानी नहीं ले जाने देंगे
तिल्दा नेवरा: ब्लॉक के सुंगेरा ग्रामपंचायत में 15 किलोमीटर दूर स्थित महेंद्रा स्पंज आयरन प्लांट और दो अन्य फैक्ट्रियों को पानी देने पाइप लाइन बिछाया जा रहा था जिसे ग्रामीणों ने संगठित होकर रुकवा दिया लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार पुलिस के संरक्षण में फैक्ट्री वालों के हित में पाइप लाइन के लिए खुदाई शुरू करवा दी । पुलिस की सुरक्षा में हो रहे खुदाई को रुकवाने ग्रामीणों ने हल्ला किया लेकिन छत्तीसगढ़ शासन ने सरपंच सहित दस ग्रामवासियों को जेल भेज दिया । सुंगेरा गांव के लोगो को “छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना” का साथ मिला है । छत्तीसगढ़ सरकार व्यापक जन विरोध को दरकिनार करके पुलिस की आड़ में फैक्ट्रियों को फायदा पहुचा रही है इसके पहले भी हसदेव जंगल को आदिवासियों के व्यापक विरोध के बावजूद पुलिस बल लगाकर काटा जा रहा है । भारत के संविधान में “ग्रामसभा” को अतिमहत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है ग्रामसभा के फैसले को दूसरा कोई भी सरकारी उपक्रम पलट नहीं सकता है चाहे वह लोकसभा हो या फिर राज्यसभा । सुंगेरा ग्रामसभा के फैसले के विरुद्ध छत्तीसगढ़ सरकार पुलिस को आघे करके फैक्ट्री को सहायता पहुचा रही है जो कि ग्रामसभा के फैसले के विरुद्ध है छत्तीसगढ़ शासन को ग्रामसभा के फैसले का सम्मान करते हुवे तत्काल किसी भी प्रकार के खुदाई और निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश देना चाहिए । होना चाहिए ग्रामसभा के पक्ष में कार्य लेकिन छत्तीसगढ़ शासन फैक्ट्री से मिलने वाले परितोष को ध्यान में रखकर फैसला ले रही है । छत्तीसगढ़ के कुछ भागो में भूजलस्तर 800 फीट से भी नीचे जा चुका है इसी को ध्यान में रखकर सुंगेरा ग्रामवासी व्यापक विरोध कर रहे हैं।
