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छोटे कृषि प्लॉट खरीदना होगा महंगा, सरकार की बदनीयती से बढ़ेगा रजिस्ट्री खर्च

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पहले गाइडलाइन में 30 प्रतिशत की छूट ख़त्म किए, अब आधा एकड़ से कम की कृषि भूमि की गणना हेक्टेयर के बजाय वर्गमीटर में

रायपुर : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जनविरोधी भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय दी जा रही कलेक्टर गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट को खत्म किया, इसके साथ ही पंजीयन शुल्क को दो फीसदी से बढ़कर चार फ़ीसदी कर दिया और अब 50 डिसमिल अर्थात् आधा एकड़ से कम की कृषि भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी की गणना हेक्टेयर के स्थान पर अब वर्ग मीटर की दर से निर्धारित करने का षड्यंत्र रचा है। नई पद्धति लागू होने के बाद छोटे कृषि प्लॉट की रजिस्ट्री खर्चा और फीस बेतहाशा बढ़ना निश्चित है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार जनता की जेब में डकैती डालने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है। 2019-20 की कलेक्टर गाइडलाइन दरों में जो परिवर्तन किया गया था, उसे संशोधित किया जा रहा है। अब 50 डिसमिल अर्थात् 22000 वर्ग फीट से कम कृषि जमीन की गणना हेक्टेयर के बजाय वर्गमीटर में किया जाएगा। खबर है कि उक्त संदर्भ में केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को राज्य सरकार के द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है, मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। नई गाइडलाइन तब जारी की जाएगी, जब जमीन की गणना इसी पद्धति से की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि अलग-अलग छोटे कृषि प्लांट की गणना अलग-अलग तरह से किए जाने से जनता की दिक्कतें बढ़ना स्वाभाविक है। साय सरकार जनता से वसूली करके अपनी तिजोरी भरना चाहती है। भाजपा सरकार का संरक्षण जमीन दलाल और एजेंट किस्म के लोगों पर है, जिनके इशारे पर ही ऐसे जन विरोधी निर्णय थोपे जा रहे हैं।

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