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पंडित मालूराम शर्मा पत्रकार के साथ साथ राजनीति सामाजिक कार्यों में निभाते थे अहम भूमिका

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तिल्दा नेवरा: अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज तिल्दा नेवरा के प्रेरणास्रोत संरक्षक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वरिष्ठ जनसंघी, सरस्वती शिशु मंदिर तिल्दा नेवरा के प्रथम व्यवस्थापक, मीसाबंदी वरिष्ठ पत्रकार पंडित मालूराम जी शर्मा उम्र 86 हम सब के बीच नहीं रहे, बिते 12 सितंबर को प्रभु श्रीचरणों में उनका देवलोक गमन हो गया।स्वर्गीय पंडित मालूराम शर्मा आपात काल में करीब 19 महीना जेल में थे। उन्होंने जब तक जीवन जिया सादगी पूर्ण तरीके से समाज एवं राजनीति जीवन में संगठन को लेकर कार्य किया। बाल्य काल उम्र से ही अपने जीवन में अनेक अभावों में अपने परिवार को एकजुट तो किया ही बच्चो में भी हिम्मत दी।

स्वर्गीय शर्मा ने तेरह वर्ष की उम्र में तिल्दा नेवरा में आकर अपनी जिंदगी की शुरुवात की। संघर्ष के साथ ज्योतिष विद्या में महारत हासिल कर पंडित बने और समाज में लोगो की समस्याओ का समाधान भी किया। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े थे उनको पालक के रूप में जाना जाता था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, सरस्वती शिशु मंदिर और अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज की स्थापना के साथ सामाजिक कार्यों में सदैव अग्रणी भूमिका में रहे। धीरे धीरे बेटे बेटियो की शादी कर अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी भी निभाई। भारतीय जनता पार्टी से जन संघ के वक्त से जुड़े रहे। इस दौरान वे कार्यकर्ताओं के साथ साथ प्रदेश के नेताओ के बीच जुड़े रहे। उन्होंने और उनके पुरे परिवार ने सदैव भाजपा का झंडा बुलंद किया है। कई नगरीय निकाय चुनाव, विधान सभा चुनाव एवं लोकसभा सहित अन्य चुनाव में उन्होंने महती भूमिका निभाई। यही कारन है की आज आस पास के ग्रामीण क्षेत्रो में मालू महराज के नाम से बड़े बुजुर्ग जानते है।

भाजपा संगठन मंत्री स्व गोविंद सारंग, कैलाश सारंग, रामाराव नायडू,विहिप स्व राम जी बेस, पंद्रीराव जी, अशोक बजाज, श्याम बैस श्री रमेश बैस, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, राजेंद्र दुबे, देवजी पटेल सहित अनेक प्रदेश के नेताओ से मधुर संबंध के अलावा वीरेंद्र पांडे जी, सच्चिदानंद उपासने, जगदीश उपासने, सोमप्रकाश गिरी जी, रमेश जलान, महस्शके जी, रूपनारायण सिन्हा, झूमक लाल टावरी, मुरलीधर जी, रामदत्त जी जैसे अनेक लोगो के साथ उनका संबंध रहा है। भाजपा के साथ साथ कांग्रेस के नेताओ से भी पत्रकार होने के नाते सदैव उनका सम्बन्ध मधुर रहा।

नवा गढ़ स्तिथ श्री गणेश मंदिर, ग्राम ओटगन में राम मंदिर सहित प्रांत के वरिष्ठ शांता राम सर्राफ जी और गोपाल व्यास जी सहित संघ के वरिष्ठजानो के मार्गदर्शन में उन्होंने धार्मिक कार्यों में अपनी भूमिका दर्ज की। स्वर्गीय शर्मा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख स्व श्री सुदर्शन जी और माननीय मोहन भागवत जी से पालक के रूप में मिले। आखरी समय तक धार्मिक पूजन दुर्गा सप्तपी के साथ ही अन्य पाठ निरंतर करते रहे। उन्होंने अपने जीवन में 21बार श्री मद भागवत के पाठ प्रतिदिन घर पर नियमित किया। पत्रकारिता जगत में वे युगधर्म, स्वदेश, तरुण छत्तीसगढ़, चेरेवती सहित अन्य पत्र पत्रिकाओं से जुड़े रहे है।

पत्रकार रहते हुए रायपुर भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार बबन प्रसाद मिश्रा, तरुण छत्तीसगढ़ के श्री कोशल किशोर मिश्रा जी से परिवार की भाती रिश्ता रहा साथ ही अंतिम समय तक वे प्रेस में अपनी सेवा भी देते रहे। पत्रकारिता में अपने पुत्र नरेंद्र शर्मा को सामने लाए साथ ही राजनीति में उनके छोटे सुपुत्र स्व विष्णु शर्मा मंडल अध्यक्ष तिल्दा नेवरा रहते हुए उनका निधन हो गया था।

स्वर्गीय शर्मा अपने परिचित रिश्तेदारों के बीच सदैव आदर्श बने रहे। परिवार में समय के अनुसार पोता पोतियों से दोस्ती जैसे संवाद करना और संस्कार देना भी आखरी समय तक जारी रखे थे।

सदैव सामाजिक धार्मिक कार्यों अग्रणी रहने के सेवा भाव की शिक्षा देकर वे परिवार को हमेशा के लिए छोड़ गए। वे पत्रकार नरेंद्र, महेंद्र, ओमप्रकाश, सुरेंद्र, श्याम, पवन, स्वर्गीय विष्णु के पिता तथा निशांत, शुभम, प्रिंस, सुजल, रुद्राक्ष के दादा थे।

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