नवनाथों के नाम और परिचय…
न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: नवनाथ हिंदू धर्म के नौ महान संतों का समूह है, जो नाथ संप्रदाय के प्रमुख माने जाते हैं। इन्हें शिवजी के अवतार माना जाता है और ये योग, तंत्र, और अध्यात्म के गहरे रहस्यों के ज्ञाता थे।
नवनाथों की कथाएँ और उनके द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों का वर्णन नाथ पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।
नवनाथों के नाम और परिचय :-
1. मच्छिंद्रनाथ(मत्स्येन्द्रनाथ): मच्छिंद्रनाथ को नवनाथों में सबसे प्रमुख माना जाता है। वे गुरु गोरखनाथ के गुरु थे। उनके योग और तंत्र पर गहन ज्ञान का उल्लेख मिलता है।
2. गोरखनाथ (गोरक्षनाथ): गोरखनाथ मच्छिंद्रनाथ के प्रमुख शिष्य थे। उन्होंने योग और तंत्र की विधाओं का विस्तार किया और नाथ संप्रदाय को संगठित किया।
3. जालंधरनाथ(जलंधरनाथ): जालंधरनाथ ने भी योग और तंत्र के गहन रहस्यों को समझाया और अपने अनुयायियों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
4. कनीफनाथ (कानिफनाथ): कनीफनाथ को कानिफनाथ के नाम से भी जाना जाता है। वे तंत्र साधना के प्रमुख ज्ञाता थे और कई अद्भुत शक्तियों के धारक माने जाते हैं।
5. गाहिनीनाथ(गहिनीनाथ): गाहिनीनाथ ने नाथ संप्रदाय में चिकित्सा और आयुर्वेद का ज्ञान जोड़ा और अनेक रोगों का इलाज करने की विधियाँ सिखाईं।
6. भर्तृहरिनाथ(भर्तृहरिनाथ): भर्तृहरिनाथ योग और तंत्र के अलावा संगीत और साहित्य के भी ज्ञाता थे। उन्हें कई धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों का रचयिता माना जाता है।
7. रेवणनाथ (रेवननाथ): रेवणनाथ ने योग और तंत्र के साथ-साथ ध्यान और समाधि की विधियों पर भी गहन ज्ञान दिया।
8. चर्पटनाथ(चर्पटिनाथ): चर्पटनाथ ने योग और तंत्र की साधना में विशेष योगदान दिया और अपने शिष्यों को आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर किया।
9. नागनाथ (नागनाथ): नागनाथ को नागवंशी भी कहा जाता है। उन्होंने नाग योग और तंत्र के रहस्यों को उजागर किया और अपने अनुयायियों को सिखाया।
नवनाथों की शिक्षाएँ और महत्व :-
– योग: नवनाथों ने योग की विभिन्न विधाओं को विकसित किया और अपने शिष्यों को सिखाया। उनके योग अभ्यासों ने न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान की।
– तंत्र: नवनाथों ने तंत्र साधना के गहरे रहस्यों को प्रकट किया। उनकी तांत्रिक साधनाएँ और मंत्र साधनाएँ आज भी व्यापक रूप से प्रचलित हैं।
– ध्यान और समाधि: नवनाथों ने ध्यान और समाधि की विधियों पर जोर दिया। उनके द्वारा विकसित ध्यान विधियाँ आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष प्राप्ति में सहायक मानी जाती हैं।
– चिकित्सा और आयुर्वेद: नवनाथों ने आयुर्वेद और चिकित्सा विज्ञान में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके चिकित्सा ज्ञान से अनेक रोगों का इलाज संभव हुआ।
नवनाथों की विरासत :-
नवनाथों की शिक्षाएँ और उनके द्वारा स्थापित परंपराएँ आज भी जीवित हैं। नाथ संप्रदाय के अनुयायी उनके मार्गदर्शन में साधना करते हैं और उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं।
नवनाथों के आश्रम और मंदिर भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं, जहाँ उनके भक्त पूजा-अर्चना और साधना करते हैं।
नवनाथों की कथाएँ और उनकी अद्भुत साधनाएँ हमें आध्यात्मिकता, योग और तंत्र के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। उनके द्वारा दी गई शिक्षाएँ आज भी हमारे जीवन में मार्गदर्शक सिद्ध होती हैं।