
हिरमी – रावन: हिरमी समीपस्थ ग्राम सकलोर गायत्री मंदिर के पास में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में विदुषी कथा व्यास सुश्री अनन्या शर्मा जी ने अपनी ओजस्वी वाणी से विभिन्न पौराणिक प्रसंगों का सजीव वर्णन कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथा की शुरुआत में अनन्या जी ने गजेन्द्र मोक्ष की कथा सुनाते हुए बताया कि जब जीव अहंकार त्याग कर पूर्ण शरणागति में परमात्मा को पुकारता है, तो भगवान नंगे पाँव दौड़े चले आते हैं। इसके पश्चात समुद्र मंथन के आध्यात्मिक अर्थ को समझाते हुए उन्होंने बताया कि जीवन में अमृत की प्राप्ति के लिए विकारों का मंथन आवश्यक है। भक्त अमरीश और वामन अवतार राजा अमरीश के प्रसंग के माध्यम से भक्ति की शक्ति और एकादशी व्रत की महिमा पर प्रकाश डाला गया।

वहीं, भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा सुनाते हुए व्यास जी ने बताया कि भगवान ने कैसे तीन पग में ही राजा बलि के अहंकार को माप लिया और उन्हें सुतल लोक का राज्य प्रदान किया। आज की कथा का सबसे भावुक और आनंदमयी क्षण मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य उत्सव रहा। जैसे ही व्यास पीठ से भगवान के जन्म की घोषणा हुई, पूरा पंडाल “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के उद्घोष से गूँज उठा। धर्म की व्याख्या सुश्री अनन्या शर्मा जी ने धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि धर्म केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि कर्तव्य और सत्य के मार्ग पर चलना है। उन्होंने संदेश दिया कि भागवत कथा का श्रवण तभी सार्थक है जब हम भगवान के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। भगवान भाव के भूखे हैं, वे केवल प्रेम और समर्पण देखते हैं। जैसे गजेंद्र ने समर्पण किया, वैसे ही हमें भी अपने अहंकार को प्रभु चरणों में अर्पित कर देना चाहिए।” — सुश्री अनन्या शर्मा, पूज्य पिताजी स्व. श्री अयोध्या प्रसाद वर्मा एवं पूज्यनीय माताजी स्व. श्रीमती सुरूज बाई वर्मा की स्मृति में कथास्थल पर दो बरगद का पौधारोपण कथावाचिका के हाथो रोपित किया गया l आयोजन आयोजक दिलीप वर्मा, सुधीर वर्मा, कमल वर्मा, वेदप्रकाश वर्मा ग्रामवासियो द्वारा इस भव्य आयोजन में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। फूलों की वर्षा और ढोल-नगाड़ों के साथ कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया और अंत में महाआरती व प्रसाद वितरण किया गया। सायंकालीन चंचल मानस मंडली टोनाटार द्वारा मानसगायन हुआ l पंचम दिवस 21,12,2025 को भगवान श्रीकृष्ण की लिलाएं गोवर्धन पूजा। चंद्रमा चाहिये भगवान की जिद्द। माखन चोरी। राधा जी से विवाह कीजिए। गईया चराये जाने ब्रम्हा जी द्वारा भगवान की परीक्षा लेना इत्यादि कथा सुनाई जायेगी भारी संख्या में आकर कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाये ।







