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धान खरीदी में भारी अव्यवस्था, सरकार किसानों का सामना नहीं कर पा रही है इसलिये अधिकारी, कर्मचारियों को आगे कर रही है

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रायपुर: प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी को लेकर पूरे प्रदेश में अव्यवस्था का आलम है, कर्ज की वसूली बिना किसानों की सहमति के लिंकिंग के माध्यम से पूरा कटौती की जा रही है, कई उपार्जन केन्द्रों में हमाली और तौलाई का पैसा भी किसानों से वसूला जा रहा है, जो नियमतः अनुचित है, किसानों के रकबा में कटौती आम शिकायत है, जितना टोकन काटा जा रहा है उस कम की तोले कर रहे हैं। फर्जी गिरदावली रिपोर्ट के आधार पर किसानों का रकबा घटाया जा रहा है, परिवहन और मिलिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। भाजपा की सरकार भाजपा के मंत्री, विधायक किसानों का सामना नहीं कर पा रहे हैं इसलिए खाद्य सचिव और अधिकारी, कर्मचारियों को आगे कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि किसानों का पूरा धान तैयार है, लेकिन रिकार्ड में जमीन कम दिखाने से किसान अपना पुरा धान बेच नहीं पा रहे हैं, सरकार और प्रशासन की गलती से सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है। तहसील ऑफिस, राजस्व कार्यालय, जिला कलेक्टर से लेकर मंत्री विधायकों तक किसान लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं है इस सरकार में समाधान के लिए कोई समय सीमा निश्चित नहीं की गई है त्रुटि पूर्ण गिरदावली मोहल्ला पर वही नहीं बल्कि किसानों के अधिकार से खिलवाड़ है, गिरदावाली जैसे महत्वपूर्ण कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए लेकिन इस सरकार में कहीं दिख नहीं रहा है। प्रशासन के रवैये से स्पष्ट है कि यह सरकार किसानों से पुरा धान खरीदना नहीं चाहती है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि एकीकृत किसान पोर्टल और एग्री स्टेक पोर्टल का मिलान करने पर कई किसान गायब मिल रहे हैं, धान के फसल के 5 लाख हेक्टेयर रकबा का पंजीयन कम हुआ है, इसमें से भी डिजिटल कॉर्प सर्वे में खेत के फसल को निरंक बताया गया है, अर्थात जिन किसानों ने अपने खेत में धान का फसल बोया है, उनके भी फसल के कॉलम में निरंक दर्ज कर दिया गया है जिससे किसान धान बेचने से वंचित हो रहे हैं। किसानों के खेतों के रकबा में कटौती किसानों की आम समस्या बन गया है।

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