Home Breaking निस्वार्थ सेवा करना ही जीवन की सच्ची परिपूर्णता है:- देवी राधिका

निस्वार्थ सेवा करना ही जीवन की सच्ची परिपूर्णता है:- देवी राधिका

121
0



हिरमी – रावन : महामाया देवी के पावन धरा हिरमी के बालाजी प्रांगण में समस्त ग्रामवासियो के सहयोग से चल रही शिव महापुराण कथा चित्रकूट से शिक्षा प्राप्त अमेरा ( पलारी ) से कथावाचिका देवीराधिका पाण्डेय अपने श्रीमुख से कथा के दौरान कहा सिर्फ जीवन जीना या पारिवारिक जिम्मेदारियाँ निभाना ही पर्याप्त नहीं है। यह जीवन की बुनियादी आवश्यकताएँ हैं, विशेषताएँ नहीं। सच्चा जीवन वही है, जो निरंतर आत्मिक विकास, परोपकार और भलाई की खोज में तत्पर रहे। अपने ईश्वर से प्रेम सिर्फ मन से नहीं, बल्कि बुद्धि, आत्मा और कर्म से भी होना चाहिए। दूसरों की सहायता करना, विशेष रूप से जरूरतमंदों की निस्वार्थ सेवा करना ही जीवन की सच्ची परिपूर्णता है। यदि हम छोटे-छोटे कामों को भी सेवा भाव से करें, बिना किसी प्रत्युपकार की भावना के, तो समझिए हमने जीवन का वास्तविक अर्थ समझ लिया है।कथा के चौथा दिवस, श्रोताओं ने शिव महापुराण की कथा को बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ रसपान कर रहे थे lकथा मेँ उन्होंने कहा शिव महापुराण कथा के चौथे दिन कथावाचिका ने शिव भक्ति में खुद को समर्पित करने और शिव को प्रसन्न करने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि जो भक्त शिव की भक्ति में लीन होगा, वह सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाएगाl शिव विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिल नही शिव में लीन हो जाना है। भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गये है। बाबजूद शिव ने विवाह कर गृहस्थ आश्रम में रहकर वैराग्य धर्म का अनुसरण करने का तरीका दिया। राधिका देवी ने कहा कि शिव परिवार में भगवान का वाहन नंदी, मां पार्वती का शेर, गणेश जी का मूषक और कार्तिकेय का वाहन मोर है। सभी विपरीत विचारधारा के बीच सामंजस रखना शिव पुराण सिखाता है। उन्होनें भगवान के विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि मैंना देवी व हिमालय राज की पुत्री के रूप में मां पार्वती जन्म लेकर भगवान शिव की घोर तपस्या की। उसी दौरान तारका सुर के आतंक को खत्म करने के लिये शिव का तंद्रा भंग हुई। तब जाकर शिव का विवाह हुआ। इस दौरान भगवान शिव की एवं माता पार्वती की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान, श्रद्धालुओं ने भक्ति में झूमते हुए महादेव की स्तुति की और फिर महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया l

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here