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आस्था के साथ परंपरागत ढंग से मनाया माता पहुंचनी पर्व, मंदिर में लगा तांता

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हिरमी – रावन: ग्रामीण अंचल हिरमी, बरडीह, कुथरौद में गुरुवार को माता पहुंचनी का पर्व परंपरागत ढंग से मनाया गया। सुबह से शीतला माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी। देर रात तक मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा। पर्व में नगर सहित आसपास गांव के लोग भी भारी संख्या में मंदिर प्रांगण में जुटते रहे। संध्या मांदर की थाप के साथ सेवारूपी जस गीत का आयोजन किया गया। मां शीतला को नीम की पत्ती, हल्दी, तेल आदि से स्नान कराकर पूजा अर्चना की गई तथा भोग प्रसाद चढ़ाया गया। लोगों ने माता शीतला से अपने परिवार सहित क्षेत्र की समृद्धि के लिए कामना की। वर्षों से चली आ रही परंपरानुसार मंदिर में श्रद्धालुओं पर मैय्या को अर्पण हल्दी पानी के घोल, नीम की पत्ती का छिड़काव किया गया। प्रसाद के रूप में लोग इसे अपने घर भी ले गए जिसे माता के प्रकोप से पीड़ित रहे बच्चों के साथ परिवार के सभी सदस्यों पर छिड़काव किया जाएगा। माना जाता है कि नीम के प्रभाव से रोग व कष्टों का निवारण होता है। बैगाओं के अनुसार बरसात लगते ही चेचक निकलने की शिकायत होने लगती है। इससे बचने के लिए ही हर वर्ष माता के मंदिर में पूजा अर्चना कर उससे बचने का आशीर्वाद मांगते हैं। माता शीतला के मंदिर में महिला और बच्चे थाली में हल्दी तेल, नीम की पत्तियां, चना दाल, नारियल के साथ ही दीप सजाकर एवं दाल-चावल रखकर पहुंचे। वहीं मंदिर में चढ़ा हुआ प्रसाद के साथ हल्दी पानी घर लाकर लोगों ने अपने परिवारजनों में छिड़काव किया। दिलेश्वर मढरिया ने बताया कि इस पानी से शरीर ठंडा और स्वस्थ हो जाता है। मंदिर में घर से चढ़ावे की थाली ले जाकर वापस आशीर्वाद रूपी हल्दी पानी लाना माता के पास स्वयं उपस्थिति देना माता पहुंचानी कहा गया है। आयुर्वेद में हल्दी को स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद माना गया है। स्कंद पुराण में मां शीतला को चार हाथ वाली बताया गया है। एक हाथ में कलश या पानी का बर्तन धारण करती हैं। इसमें का स्वच्छ जल चेचक के कीटाणुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दूसरे हाथ में झाडू, तीसरे हाथ में सुपा धारण करती हैं जो खाने-पीने की शुद्धता व साफ-सफाई का संकेत देता है। चौथा हाथ वर मुद्रा में है। मां शीतला अपने चारों हाथों से भक्तों की हमेशा कल्याण करती हैं।माता अमवरू शीतला माता का एक रूप है जिनकी विधिवत पूजा करने से चेचक जिसका अंग्रेजी नाम चिकन पॉक्स है जैसे बीमारी का प्रकोप नहीं फैलता है। यही नहीं माता सब की मनोकामना भी पूरी करती हैं.

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