भाजपा बताये छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी कब लागू होगी? – दीपक बैज
भाजपा सरकार शराब की काली कमाई में डूबी है
सरकारी दफ्तर में कामकाज की मॉनिटरिंग का कोई एप नहीं है लेकिन शराब की ब्रांड के लिये सरकार ने एप बना लिया है
रायपुर : भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश के रेस्टोरेंट और ढाबों में शराब परोसे जाने के निर्णय का कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार शराब के ब्रांड की उपलब्धता के लिये एप बनाई है। सरकारी दफ्तर में काम काज की मानिटरिंग का कोई एप नहीं है लेकिन शराब की ब्रांड के लिये सरकार ने एप बना लिया है। भाजपा सरकार शराब की काली कमाई के लिये प्रदेश में शराब की खपत बढ़ाने में लगी है। विपक्ष में रहते शराबबंदी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले भाजपाई अब शराब बिक्री के पैरोकार बन गये है। शराब बंदी को लेकर पांच सालों तक हल्ला मचाने वाले भाजपाई बतायें शराबबंदी कब होगी? भाजपा के हर छोटे बड़े नेता ने जनता के बीच घूम-घूम कर शराबबंदी के लिये बढ़ चढ़कर बातें किया था। सरकार में आने के बाद सरकार और भाजपाईयों दोनों के जुबान पर ताला लग गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पहले एयर कूल्ड आहाते बनाकर शराब बिक्री को बढ़ावा दिया गया। आहाते आबंटन में बड़ा घोटाला साय सरकार ने किया है। आहातों के नाम पर सरकार शराब की काली कमाई में लगी हुई है। पूरे प्रदेश में कुछ लोगो को चिन्हांकित कर आहाते आवंटित किये गये है। प्रभावशाली भाजपा नेताओं के अनुशंसा पर आहाते आवंटित किये गये है। भाजपा सरकार के राज में शराब की कोचियागिरी शुरू हो गयी है। मुंगेली और राजनांदगांव में सरकार के इशारे पर अवैध वसूली के लिये दबाव बनाते आबकारी निरीक्षकों के वीडियो को प्रदेश की जनता ने देखा है। प्रदेश के अनेकों स्थानों से खबरे आई है कि शराब दुकानों से 200 रु. प्रति पेटी अतिरिक्त देकर कोचिये गली, मोहल्ले में शराब बेच रहे है और इनको पूरा सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य में शराब के नाम पर वसूली की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। दुकानों में कौन सी शराब बिकेगी, कौन से निर्माता के ब्रांड राज्य में बिकेगा, इसके नाम पर कमीशन खेल बड़े पैमाने पर हो रहा है। शराब के इस सुनियोजित घोटाले में उच्च स्तर के लोग संलिप्त है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि साय सरकार कमीशनखोरी के लालच में बार-बार शराब खरीदी के नियमों में बदलाव कर रही है। एफएल-10 का लाइसेंस निरस्त कर सरकार द्वारा सीधे उत्पादक कंपनियों से शराब इसलिये खरीदने का फैसला लिया गया है ताकि कंपनियों से मोटा कमीशन वसूला जाय। सरकार ने 12 कंपनियों को एफएल-10 का लाइसेंस दिया तथा उनके साथ एक वर्ष तक सप्लाई का एग्रीमेंट किया गया उनसे बांड भी भरवाया गया इसके बाद 10 कंपनियों को एफ एल-बी का लाइसेंस दिया गया उनसे भी एग्रीमेंट किया गया फिर अचानक सरकार ने इन कंपनियों से किये एग्रीमेंट को कमीशनखोरी के लिये रद्द कर दिया।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 100 से अधिक शराब दुकानो को बंद किया था। 2018 में कांग्रेस सरकार के पहले छत्तीसगढ़ प्रति व्यक्ति शराब की खपत में देश में गोवा के बाद पहले स्थान पर था। कांग्रेस सरकार के 5 साल में छत्तीसगढ़ प्रति व्यक्ति शराब की खपत में देश में 18वें नंबर पर आ गया था। कांग्रेस राज में शराब की खपत को हतोत्साहित करने अनेक कदम उठाये गये थे। भाजपा सरकार शराबबंदी पर अपना स्टैंड क्लियर करें।