जबलपुर: बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें विविध रोगों से बचाने और उनके बेहतर शारिरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का निर्माण करने शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में आज शुक्रवार को 16 वर्ष की आयु तक के 372 बच्चों का स्वर्णप्राशन संस्कार किया गया। संस्था के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ एल एल अहिरवाल ने बताया कि स्वर्ण बिन्दु का निर्माण स्वर्ण भस्म, गौ घृत एवं शहद से किया जाता है। इसकी प्रत्येक बूंद में 1.6 मि.ग्रा. स्वर्ण भस्म होता है। स्वर्णबिंदु बच्चों की आयु के अनुसार उनको अलग-अलग मात्रा में पिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि यह स्वर्ण प्राशन कार्यकम संस्था में फरवरी 2014 से निरंतर चल रहा है। इस अवसर पर अभिभावकों ने बताया कि बच्चों का स्वर्ण प्राशन करने के बाद उनमें विशेष लाभ दिख रहा है। बच्चे बीमार नहीं पड़ रहे है। मानसिक रूप से कमजोर बच्चों पर भी स्वर्ण बिंदु के अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे है। यह बालकों के वर्ण निखारता है और पाचन सुधारता है। स्वर्ण बिंदु बच्चों की हाईट तथा हेल्थ दोनों के लिए बेहतर है।