तिल्दा नेवरा: हर माह उपभोक्ताओं से करोड़ों रुपये का बिजली बिल वसूल करने वाले बिजली विभाग के जिम्मेदार की लापरवाही उनके ही कर्मचारियों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं? ।
पूरा मामला तिल्दा कोहका रोड हाउसिंग बोर्ड कालोनी के पास का है जहा बिना सुरक्षा व्यवस्था के काम करने को मजबूर काम गर।
जिम्मेदारी की उदासीनता के चलते तैनात संविदा तथा आउटसोर्सिंग के कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरणों (सुरक्षा किट) के बिजली के खंभों पर चढ़कर काम कर रहे है।
आप को बता दे की तुलसी फीडर का लाइट सुबह 11 बजे से शाम 4:30 तक बंद करके कार्य किया जा रहा है जिसे आम जनता को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।सुरक्षा उपकरण के अभाव में तिल्दा में इन कर्मचारियों के साथ कई दुखद घटनाएं हो सकती है? लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार इन कर्मचारियों की जान से खिलवाड़ करते हुए उन्हें कोई उपकरण उपलब्ध नहीं करा रहे है।तिल्दा में बिजली विभाग में तैनात कर्मचारियों की जान बिजली विभाग के लिए कोई मायने नहीं रखती है, यह हम नहीं खुद विभागीय अधिकारियों की उदासीनता बयां कर रही है। बिजली विभाग में तैैनात कर्मी बिना सुरक्षा उपकरणों के चढ़कर काम करने को विवश है।
सुरक्षा उपकरणों के अभाव में हर माह संविदा कर्मी किसी न किसी हादसे के शिकार हो रहे है। देखा जाए तो बिजली विभाग संविदा तथा आऊट सोर्सिंग कर्मचारियों भरोसे ही संचालित हो रहा है।नियमानुसार बिजली के पोल पर केवल लाइनमैन ही चढ़ सकता है। लेकिन विभाग और कंपनी के ठेकेदार द्वारा संविदा कर्मचारियों को खंभे पर चढ़ाकर कार्य कराया जा रहा है।
इतना ही नहीं कोई बड़ा या छोटा फाल्ट आने पर इन्हीं कर्मचारियों से सुधरवाया जाता है। नियमानुुसार इन कर्मचारियों को रबर के दस्ताने, प्लास, पेंचकस, टेस्टर, झूला, डिचार्स्ज के साथ सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट, जूता अनिवार्य होता है। सुरक्षा के बिना ही 30 से 40 फीट ऊचाई पर काम करने वाले कर्मचारी बिना सेफ्टी बेल्ट के काम करते है।