डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा एक बार फिर से जाहिर हो गया
न्यूज डेस्क रायपुर : केंद्रीय बजट 2024 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा है कि अन्नदाता किसान भाजपा के लिए केवल चुनावी वादे और झांसे के लिए, खाद सब्सिडी विगत वर्ष की तुलना में 24894 करोड़ घटा दिया गया है, विगत बजट में 188894 करोड़ से घटाकर इस बजट में उर्वरक सब्सिडी 164000 करोड़ कर दिया गया है। कृषि के लिए कुल बजट का 2019 में 5.44 प्रतिशत था जो इस बार लगातार पांचवे साल घटकर मात्र 3.15 प्रतिशत रह गया है। ना किसानों को सी-टू फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ के आधार पर एमएसपी की व्यवस्था, न एमएसपी की कानूनी गारंटी, न ही कोई भी बड़ी सिंचाई परियोजना। भाजपा के किसान विरोधी बजट का सच यह है कि खेती किसानी के खर्च में गिरावट का सिलसिला लगातार पाँचवें साल भी जारी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है मंहगाई कम करने और रोजगार उत्पन्न करने के मामले में मोदी सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं है। रोजगार है नहीं और ईपीएफओ के प्रोत्साहन का झांसा दिया जा रहा है।
वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि वित्तीय घाटा लगातार बढ़ रहा है, 14 लाख 72 हजार 915 करोड़ का नया कर्ज देश को गर्त में डूबने वाला है। कुल व्यय में से 24.12 प्रतिशत ब्याज के भुगतान खर्च हो रहा है, आर्थिक प्रबंधन में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है मोदी सरकार।
प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सीनियर सिटीजन, छात्रों और मासिक पास धारकों को रेलवे में छूट की उम्मीद थी, जो सब्सिडी मोदी सरकार ने छीन ली है, नहीं दी गई। महंगाई में राहत नहीं, गैस सब्सिडी, डीजल में 10 गुना बढ़ाए गए सेंट्रल एक्साइज में रियायत का कोई जिक्र नहीं। पेट्रोलियम सब्सिडी इस बजट में घटा दिया गया है। मध्यम वर्ग को किसी प्रकार से कोई टैक्स राहत नहीं है।
सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की उपेक्षा एक बार फिर से जाहिर हो गया है, रायपुर से राजनांदगांव होकर हैदराबाद एक्सप्रेस वे, जो 2022 में घोषित किया गया था उसे निरस्त कर दिया गया है इस बजट में कोई नया राजमार्ग छत्तीसगढ़ के लिए नहीं है। रायपुर से बलौदा बाजार होकर रायगढ़ जाने वाली रेल लाइन की घोषणा लगभग 8 साल पहले हुई थी एक नया पैसा इस मद में केंद्र की मोदी सरकार ने नहीं दिया है, इस बजट में भी कुछ नहीं। नया रायपुर में एम्स की घोषणा 4 साल पहले की गई थी राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण करके केंद्र को सौंप दिया है लेकिन उसे मत में भी एक नया पैसा केंद्र की मोदी सरकार ने स्वीकृत नहीं किया है।
वर्मा ने कहा है कि लगभग सभी कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार नई पेंशन के फर्जी फायदे गिनने में मस्त है, इस बजट से कर्माचारी संघ और उनके परिजनों को भी इस बजट से घोर निराशा हाथ लगी है।