Home Breaking कभी आपने सोचा है कि मंदिरों के प्राचीर में पहुंचते ही आपको...

कभी आपने सोचा है कि मंदिरों के प्राचीर में पहुंचते ही आपको दैवीय शक्ति का आभास और मन को शांति क्यों मिलती है?….आइए जानें इस रहस्य को

116
0

न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: कभी आपने सोचा है कि मंदिरों के प्राचीर में पहुंचते ही आपको दैवीय शक्ति का आभास और मन को शांति क्यों मिलती है? …

आइए जानें इस रहस्य को

प्राचीन भारत में मंदिर बनाने का नक्शा

कुण्डलिनी जाग्रत करने के स्थान थे प्राचीन मंदिर प्राचीन भारत में मंदिर बनाने से पहले जगह और दिशा का विशेष महत्व होता था।

मंदिरो का निर्माण अलग अलग शैलियों के हिसाब से हुआ करता था पर अधिकतर मंदिर ऐसी पद्धति से बनते थे जिसमे हर एक कुण्डलिनी चक्र के हिसाब से गर्भगृह, मंडप, प्रस्थान, परिक्रमा आदि का निर्माण होता था और जिस चक्र के हिसाब से उस जगह का निर्माण होता था वहा व्यक्ति को चलकर या बैठकर उस चक्र को जागृत करने में सहयोग मिलता था।

यही कारण होता है की प्राचीन मंदिरो में आज भी जाने पर व्यक्ति मानसिक रूप से शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है।

एक चित्र साझा कर रहे है जिसमे आपको बताया गया है की मंदिर निर्माण का विचार कैसा होता था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here