हिन्दू पंचांग के १२ महीने और उनका महत्व
न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: हिन्दू पंचांग (कैलेंडर) में 12 महीने होते हैं, और प्रत्येक महीने का अपना विशिष्ट महत्व और विशेषताएं होती हैं। यहाँ हिन्दू पंचांग के12 महीनों का महत्व संक्षेप में बताया गया है:
1. चैत्र (मार्च-अप्रैल):महत्व: यह हिंदू नववर्ष का प्रारंभिक महीना है और वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। चैत्र नवरात्रि और राम नवमी जैसे प्रमुख त्योहार इसी महीने में आते हैं।त्योहार: चैत्र नवरात्रि, राम नवमी, गुड़ी पड़वा, उगादि।
2. वैशाख (अप्रैल-मई):महत्व: यह महीना कृषि और फसल कटाई का समय है। वैशाख पूर्णिमा और अक्षय तृतीया इस महीने के महत्वपूर्ण दिन हैं।त्योहार: अक्षय तृतीया, वैशाखी, बुद्ध पूर्णिमा।
3. ज्येष्ठ (मई-जून):महत्व: इस महीने में मौसम गर्म होता है और जल का महत्व बढ़ जाता है। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी इसी महीने में आते हैं।त्योहार: गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी।
4. आषाढ़ (जून-जुलाई):महत्व: यह महीना मानसून की शुरुआत का संकेत देता है। आषाढ़ पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा) का विशेष महत्व है।त्योहार: गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ी एकादशी।
5. श्रावण (जुलाई-अगस्त):महत्व: यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। श्रावण सोमवार और नाग पंचमी इस महीने के प्रमुख पर्व हैं।त्योहार: श्रावण सोमवार, नाग पंचमी, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी।
6. भाद्रपद (अगस्त-सितंबर):महत्व: इस महीने में गणेश चतुर्थी और अन्य प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।त्योहार: गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज, अनंत चतुर्दशी।
7. आश्विन (सितंबर-अक्टूबर):महत्व: यह महीना शरद ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है और दुर्गा पूजा तथा नवरात्रि का समय है।त्योहार: शारदीय नवरात्रि, दुर्गा पूजा, विजयादशमी(दशहरा), शरद पूर्णिमा।
8. कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर):महत्व: इस महीने में दीपावली और अन्य प्रमुख धार्मिक पर्व होते हैं। इसे सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है।त्योहार: दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, कार्तिक पूर्णिमा।
9. मार्गशीर्ष(नवंबर-दिसंबर):महत्व: यह महीना श्रीकृष्ण की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।त्योहार: गीता जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा।
10. पौष (दिसंबर-जनवरी):महत्व: इस महीने में शीतकालीन संक्रांति आती है और मकर संक्रांति का पर्व महत्वपूर्ण है।त्योहार: मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा।
11. माघ (जनवरी-फरवरी):महत्व: यह महीना धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ स्नान और व्रत का विशेष महत्व है।त्योहार: माघ मेला, वसंत पंचमी।
12. फाल्गुन(फरवरी-मार्च):महत्व: यह महीना होली के उत्सव का समय है और वसंत ऋतु की मस्ती का प्रतीक है।त्योहार: होली, महाशिवरात्रि, फाल्गुन पूर्णिमा।प्रत्येक महीना अपने विशेष त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और धार्मिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिन्दू पंचांग के ये महीने न केवल ऋतुचक्र को दर्शाते हैं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी प्रदर्शित करते हैं।