रसोई घर के मसालों से इलाज…
न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: पेट दर्द के लिए पेट दर्द के लिए एक चम्मच शुद्ध घी में हींग मिला कर पीने से काफी आराम मिलता है। एक-एक चम्मच पुदीने और नींबू के रस में आधा चम्मच अदरक का रस और थोड़ा-सा काला नमक मिला कर पीने से भी आराम मिलेगा। इसके अलावा सेंधा नमक मेें एक-दो ग्राम अजवाइन की सूखी और पिसी पत्तियां खाने से पेट दर्द में राहत मिलती है।
दांत दर्द के लिए दांत दर्द के लिए लौंग से अच्छी दवा शायद ही कोई होगी। नमक और काली मिर्च के एक-चौथाई चम्मच मिश्रण में कुछ बूंद पानी मिला कर लगाने से भी फायदा होता है। इसके अलावा अजवायन की पत्ती का तेल लगाने से भी दांत के दर्द में राहत मिलती है। अगर आपके पास और कोई विकल्प नहीं है तो आप कच्चे प्याज के टुकड़े को कम से कम 3 मिनट तक चबा सकते हैं। काफी आराम मिलेगा।सिर दर्द के लिए सिर दर्द अधिकतर लोगों की समस्या होती है। इसके निदान के लिए दालचीनी को पानी के मिलाकर बारीक पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अपने माथे पर लगाकर छोड़ दें। यकीन मानिए दालचीनी मसाला सिर दर्द करने के लिए दवा से भी अच्छा मसाला है। इसके अलावा 10-20 ग्राम तुलसी के पत्ते चबाने से या एक कप पानी में काढ़ा बना कर पीने से भी सिर दर्द में बहुत फायदा मिलता है।खांसी-जुकाम के लिए खांसी-जुकाम के लिए अगर आपको तरह-तरह के सिरप और दवाओं का इस्तेमाल कर के भी कोई आराम नहीं है या फिर आप जुकाम जैसी सामान्य बीमारी के लिए दवा लेना नहीं चाहते हैं तो आप काली मिर्च और लौंग का सेवन कर सकते हैं।
ये दो किचन के ऐसे मसाले हैं जो खांसी-जुकाम सही करने के लिए दवाओं से भी जल्दी असर करते हैं।हल्दी के फायदे हैं गठिया में उपयोगी – हल्दी में निहित उत्कृष्ट एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दोनों ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड गठिया के इलाज के लिए उत्तम आहार है। इसके अलावा हल्दी की एंटीऑक्सिडेंट गुण शरीर में मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) को नष्ट कर देते हैं जिससे शरीर को क्षति पहुँच सकती है। यह पाया गया है कि रूमेटाइड संधिशोथ से पीड़ित लोग जो हल्दी का नियमित आधार पर उपभोग करते हैं, उन्हें इसकी वजह से हल्के जोड़ो के दर्द और साथ ही सूजन से राहत मिलती हैं।
हल्दी के लाभ करें मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद – हल्दी को मधुमेह के इलाज में इंसुलिन के स्तर को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ग्लूकोज नियंत्रण में सुधार लाता है और मधुमेह के इलाज के लिए इस्तेमाल दवाओं के प्रभाव को बढ़ाता है। हल्दी टाइप -2 डायबिटीज की शुरुआत को रोक सकता है। हालांकि, हल्दी का सेवन यदि अधिक प्रबल दवाइयों के साथ किया जाये तो यह हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) नामक स्थिति उत्पन्न कर सकती है। इसलिए हल्दी के कैप्सूल लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
हल्दी का उपयोग है कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद – अनुसंधान में यह सिद्ध किया गया है कि सिर्फ हल्दी को एक भोजन के रूप में इस्तेमाल करने से सीरम कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है। यह एक ज्ञात तथ्य है कि उच्च कोलेस्ट्रॉल अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। उचित कोलेस्ट्रॉल का स्तर बनाए रखने से कई कार्डियोवास्कुलर (हृदय सम्बंधित) रोगों को रोका जा सकता है। तो हल्दी खाएं और हृदय का स्वास्थ्य बनाएं।
हल्दी दूध पीने के फायदे इम्युनिटी के लिए – हल्दी में लाइपोपॉलीसकराइड (lipopolysaccharide)नामक एक पदार्थ होता है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रोत्साहित करता है। इसकी जीवाणुरोधी, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल एजेंट भी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायता करते हैं। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली सर्दी, फ्लू और खांसी से पीड़ित होने की संभावना कम करती है। यदि आप सर्दी, खांसी या फ्लू से पीड़ित हैं, तो आप एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर को मिलाकर दिन में एक बार पी सकते हैं। इससे आपको जल्दी ही बेहतर महसूस होगा।
हल्दी का सेवन करें घाव को जल्दी भरने में मदद – हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी एजेंट है और इसे संक्रमण की रोकथाम के रूप में इस्तेमाल की जाती है। यदि आपकी त्वचा जल गई है या फिर कट गई है, तो आप उपचार प्रक्रिया को गति देने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर हल्दी पाउडर लगा सकते हैं। हल्दी क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत में मदद करती है और इसका उपयोग छालरोग (सोरायसिस) और अन्य सूजन संबंधी त्वचा विकार के इलाज के लिए किया जा सकता है।
हल्दी का उपयोग है वजन कम करने में सहायक – हल्दी पाउडर एक आदर्श शरीर के वजन को बनाए रखने में बहुत मददगार हो सकती है। हल्दी में मौजूद एक घटक पित्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है जो आहार वसा के टूटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं या मोटापा और अन्य संबंधित बीमारियों का इलाज करना चाहते हैं, वे प्रत्येक भोजन के साथ हल्दी पाउडर के एक चम्मच का सेवन कर सकते हैं।
हल्दी के गुण करें अल्जाइमर रोग से बचाव – मस्तिष्क की सूजन अल्जाइमर रोग जैसे संज्ञानात्मक विकार के प्रमुख कारणों में से एक है। हल्दी मस्तिष्क में प्लाक के गठन को हटाने और ऑक्सीजन के प्रवाह को सुधारने में सहायता करते हुए समग्र मस्तिष्क स्वास्थ्य का समर्थन करती है। यह अल्जाइमर रोग की गति को धीमा कर सकती है या फिर उस पर रोक भी लगा सकती है।
हल्दी खाने के फायदे हैं बेहतर पाचन के लिए – हल्दी में कई प्रमुख घटक पित्त का उत्पादन करने के लिए पित्ताशय को उत्तेजित करते हैं, जिससे पाचन में सुधार होता है और ब्लोटिंग और गैस के लक्षणों को कम करता है। इसके अलावा हल्दी अल्सरेटिव बृहदांत्रशोथ सहित आंतों के अधिकांश प्रकार के विकार के उपचार के लिए उपयोगी है। हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि किसी भी प्रकार की पित्ताशय की बीमारी से पीड़ित लोगों को हल्दी को आहार पूरक के रूप में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह स्थिति को खराब कर सकती है। पाचन समस्या से पीड़ित होने पर कच्चे रूप में हल्दी का सेवन करना सर्वोत्तम माना जाता है।
हल्दी पाउडर के लाभ करें लिवर का संरक्षण – हल्दी एक प्रकार का प्राकृतिक लिवर डिटॉक्सीफायर है। लिवर एंजाइमों के उत्पादन के माध्यम से रक्त को साफ़ करती है और हल्दी इन महत्वपूर्ण एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाती है। ये महत्वपूर्ण एंजाइम शरीर में विषाक्त पदार्थों को तोड़ उनकी मात्रा को कम कर देते हैं। माना जाता है कि हल्दी रक्त परिसंचरण को सुदृढ़ और बेहतर बनाने में भी मदद करती है। ये सभी कारक अच्छे लिवर स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं।