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भाजपा सरकार बनने के बाद,पीएससी में गलत सवाल पूछे जाना क्या युवाओं के साथ खिलवाड़ नहीं?…

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भाजपा में साहस हो तो पीएससी की सभी गड़बड़ियों को एक साथ एक ही जांच के दायरे में ले और सभी दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए

रायपुर : पीएससी में अनेक गलत सवाल पूछे जाने को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ निरूपित करते हुए पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि भाजपा ने पीएससी को लेकर बड़े-बड़े आरोप लगाये और जांच भी संस्थित की है। मेरा स्पष्ट मत है कि हर गड़बड़ी की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। उमेश ने मांग की है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भी पीएससी में हो रही गड़बड़ियों को भी उसी जांच के दायरे में लिया जाए जो जांच पूर्व के तथाकथित गडबडियों के आरोपों को लेकर की जा रही है।

उमेश पटेल ने कहा है कि अभी छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा की रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल में पीएससी के प्रश्न पत्र लीक किए जाने की व्यवस्थित गड़बड़ी के इतिहास को नहीं भूली है। छत्तीसगढ़ के नौजवान यह भी नहीं भूले हैं कि भाजपा शासन काल में दो-तीन वर्ष तो पीएससी गड़बड़ियों के कारण परीक्षा हो ही नहीं सकी थी। पीएमटी के परीक्षार्थियों को परीक्षा के कुछ दिन पहले मुंगेली में बैठाकर प्रश्न पत्र हल करवाने की घटना को भी छत्तीसगढ़ के नौजवान भूले नहीं है।

पटेल ने कहा है कि भाजपा में साहस हो तो पीएससी की सभी गड़बड़ियों को एक साथ एक ही जांच के दायरे में ले और सभी दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ नाकाबिले बर्दाश्त है चाहे वह किसी भी सरकार में किया जाए और कोई भी करें उस पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिए। योगी परीक्षा की तैयारी में लगे युवाओं का मनोबल तोड़ने का निम्न स्तरीय काम करना ही सिर्फ बीजेपी के बस में है।

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