हिरमी रावन : ज्ञानोदय उच्च माध्य विद्या हिरमी में हर्षोल्लास के साथ वार्षिकोत्सव मनाया मां सरस्वती के छाया चित्र पर अतिथि अनुपम अग्रवाल जनपद सदस्य, प्रेमलाल सिन्हा समाज सेवी, तामेश्वर जायसवाल, धर्मेंद्र सरसीहा राजप्रधान, शेषनारायण धुरंधर, श्रीमति पूर्णिमाअजय धुरंधर दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना किया। तत्पश्चात सरस्वती वंदना से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज हुआ। इस दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने समूह गान व नृत्य सहित विभिन्न देश भक्ति गीतों पर एकल व सामूहिक डांस प्रस्तुत किया। छोटे व बड़े बच्चों ने अपने मनमोहक नृत्य व अदा से सबको मोहित किया। दर्शकों ने भी होनहारों की अदाकारी को जमकर सराहा। वहीं कार्यक्रम के दौरान शहीदों की स्मृति में प्रस्तुत गीत व नृत्य को देखकर दर्शक भावुक भी हुए। वार्षिकोत्सव में स्कूली बच्चों ने एक से बढ़ कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वहां मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.। सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक आकर्षक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को बहुत ही यादगार बना दिया. छात्र-छात्रा ने एकल नृत्य और सामूहिक नृत्य करके दर्शकों का मन लुभाया. कई छात्र – छात्राओं ने ड्रामा, नाटक प्रस्तुत करके समाज के लोगों को जागरूक किया. पर्यावरण, पेड़ की अंधाधुंध कटाई से हानि, हिंदू मुस्लिम एकता, देशभक्तों की वीरता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश संगीत और नाटक के माध्यम से छात्र – छात्राओं, छोटे छोटे बच्चों ने संदेश दिया। मुख्य अतिथि अनुपम अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने में माता-पिता के बाद शिक्षण संस्थानों का अहम योगदान होता है. शिक्षकों को बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देनी चाहिए. मुझको लगता है कि इन सब गुणों में यही स्कूल सबसे अव्वल दर्जे का है. जिस तरह स्कूल के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. ऐसे में लगता है कि शिक्षक और छात्र काफी मेहनत करते हैं और उन्होंने सभी का उत्साहवर्धन भी किया. शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए इस तरह की सांस्कृतिक गतिविधि समय-समय पर होते रहना चाहिए. छात्रों को अपने जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित जरूर करना चाहिए और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत अति आवश्यक है। संस्था प्रमुख पी आर वर्मा ने कहा कि मौजूदा दौर कड़ी प्रतिस्पर्धा का है, लिहाजा लक्ष्य हासिल करने व जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत व अनुशासन बहुत जरूरी है सांस्कृतिक प्रभारी शैल वर्मा ने कहा कि ईमानदारी व निष्ठा से की जाने वाली मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। उसका परिणाम सदैव सुखदायी होता है। गुरुजनों का आदर व सम्मान के बिना मंजिल नहीं मिलती। फलतः इसका भी विशेष ध्यान रखें। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने अन्य प्रदेश के लोक नृत्य सहित विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति दी। दर्शक-दीर्घा में तालियां गूंजती रहीं। कार्यक्रम के दौरान दिलेश्वर मढ़रिया, ललित वर्मा राजकपूर,हरिश वर्मा, पंकज पूर्णिमा साहु ,गोलू सर ,हेमंत वर्मा सीमा वर्मा रमा मढ़रिया सहित ज्ञानोदय सुहेला, रावन के शिक्षकगण का सहयोग रहा ।
हिरमी रावन* ज्ञानोदय उच्च माध्य विद्या हिरमी में हर्षोल्लास के साथ वार्षिकोत्सव मनाया मां सरस्वती के छाया चित्र पर अतिथि अनुपम अग्रवाल जनपद सदस्य, प्रेमलाल सिन्हा समाज सेवी, तामेश्वर जायसवाल, धर्मेंद्र सरसीहा राजप्रधान, शेषनारायण धुरंधर, श्रीमति पूर्णिमाअजय धुरंधर दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना किया। तत्पश्चात सरस्वती वंदना से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज हुआ। इस दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने समूह गान व नृत्य सहित विभिन्न देश भक्ति गीतों पर एकल व सामूहिक डांस प्रस्तुत किया। छोटे व बड़े बच्चों ने अपने मनमोहक नृत्य व अदा से सबको मोहित किया। दर्शकों ने भी होनहारों की अदाकारी को जमकर सराहा। वहीं कार्यक्रम के दौरान शहीदों की स्मृति में प्रस्तुत गीत व नृत्य को देखकर दर्शक भावुक भी हुए। वार्षिकोत्सव में स्कूली बच्चों ने एक से बढ़ कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वहां मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक आकर्षक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को बहुत ही यादगार बना दिया. छात्र-छात्रा ने एकल नृत्य और सामूहिक नृत्य करके दर्शकों का मन लुभाया. कई छात्र – छात्राओं ने ड्रामा, नाटक प्रस्तुत करके समाज के लोगों को जागरूक किया. पर्यावरण, पेड़ की अंधाधुंध कटाई से हानि, हिंदू मुस्लिम एकता, देशभक्तों की वीरता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश संगीत और नाटक के माध्यम से छात्र – छात्राओं, छोटे छोटे बच्चों ने संदेश दिया। मुख्य अतिथि अनुपम अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने में माता-पिता के बाद शिक्षण संस्थानों का अहम योगदान होता है. शिक्षकों को बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देनी चाहिए. मुझको लगता है कि इन सब गुणों में यही स्कूल सबसे अव्वल दर्जे का है. जिस तरह स्कूल के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. ऐसे में लगता है कि शिक्षक और छात्र काफी मेहनत करते हैं और उन्होंने सभी का उत्साहवर्धन भी किया. शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए इस तरह की सांस्कृतिक गतिविधि समय-समय पर होते रहना चाहिए. छात्रों को अपने जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित जरूर करना चाहिए और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत अति आवश्यक है।
संस्था प्रमुख पी आर वर्मा ने कहा कि मौजूदा दौर कड़ी प्रतिस्पर्धा का है, लिहाजा लक्ष्य हासिल करने व जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत व अनुशासन बहुत जरूरी है सांस्कृतिक प्रभारी शैल वर्मा ने कहा कि ईमानदारी व निष्ठा से की जाने वाली मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। उसका परिणाम सदैव सुखदायी होता है। गुरुजनों का आदर व सम्मान के बिना मंजिल नहीं मिलती। फलतः इसका भी विशेष ध्यान रखें। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने अन्य प्रदेश के लोक नृत्य सहित विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति दी। दर्शक-दीर्घा में तालियां गूंजती रहीं। कार्यक्रम के दौरान दिलेश्वर मढ़रिया, ललित वर्मा राजकपूर,हरिश वर्मा, पंकज पूर्णिमा साहु ,गोलू सर ,हेमंत वर्मा सीमा वर्मा रमा मढ़रिया सहित ज्ञानोदय सुहेला, रावन के शिक्षकगण का सहयोग रहा।