आवास से वंछित ग्रामीण के लिए घर बना प्रवेश द्वार का कोटर,खुद की छत नहीं,छह जिंदगियां कर रही बसर
छोटे से जगह में गुजर बसर कर रहे पति-पत्नी और चार छोटे बच्चे
संजय सेन तिल्दा-नेवरा : मजबूर और असहाय लोगों की कोई आवाज नहीं होती,यह बात इस खबर पर सटीक बैठती है। जहां राज्य में सरकार बदले या अधिकारी,इस गरीब परिवार की हालात नहीं बदल सका। यह खबर है तिल्दा से लगे ग्राम पंचायत बरतोरी की।कोदवा चौक पर बने प्रवेश द्वार में दो छोटे छोटे डिजाइन किया हुआ कोटर,छोटी चार दिवारी,कक्ष नुमा आकृत बना है, जिसमे एक परिवार की 6 जिंदगी निवास कर रही है। यह देख कर ऐसा लगता है कि मानों कोई जंगल में मानव रह रहा हो।
पूर्वजों से सीखी बास की कलाकारी से पेट पाल रहे शासन प्रशासन की योजना से अछूते की तरह रह रहे इस परिवार के पास न आधार कार्ड है, ना राशन कार्ड। पूर्वजों से सीखी बास की कलाकारी से पेट पालने का कार्य कर रहे हैं। परिवार तिल्दा सासाहोली से पाँच वर्ष पूर्व विस्थापित होके कमाने खाने के लिए पास की मंदिर बोहरही में कुटिया बनाकर जीवन यापन करते रहे। जो बरसात में बह जाने के एक वर्ष पूर्व बरसात के दिन से यहा कौशल कटारे और उनकी पत्नी पुष्पा कटारे चार बच्चो के साथ इस प्रवेश द्वार की कोटर में रह रहे हैं। यह परिवार तिल्दा के ससहोली से 6 वर्ष पूर्व आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर विस्थापित होकर यहां बसेरा किए हैं।
ये कहा सीएमओ ने इस बारे में तिल्दा नगर पालिका सीएमओ अंकुर पांडे ने कहा कि तिल्दा के निवासी हैं तो नगर पालिका ऑफिस में आवेदन देने से लाभ मिलेगा।