रायपुर : श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा दिनांक 04 दिसंबर 2023 को “महिलाओं के खिलाफ हिंसा जागरूकता” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में रायपुर की संस्था मॉक्सीहील फाउंडेशन (Moxieheal Foundation) जो पिछले कई वर्षों से रायपुर और अन्य क्षेत्रों में लगातार महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा, वृद्धों, बच्चों, मानसिक बीमार एवं शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्यरत है शामिल हुई ।इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता,सामाजिक कार्यकर्ता श्री रोहित कुमार ने अपने व्याख्यान में महिलाओं के साथ हो रही विभिन्न प्रकार की हिंसा के बारे में बताया और सभी छात्र-छात्राओं को इसके लिए सतर्क होने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा के आँकड़े बहुत चिंताजनक हैं। विश्व स्तर पर यदि देखा जाए तो 6 से 10 प्रतिशत महिलाओं को यौन हिंसा का शिकार रोज होना पड़ता है। उन्होंने बताया की भारत में विवाहित महिलाओं के साथ हिंसा के आँकड़े बहुत ही व्यापक हैं। जनसंख्या के हिसाब से आँकड़ों को देखा जाए यह आँकड़े 30 प्रतिशत से अधिक हैं। राज्यवार आँकड़ों को दर्शाते हुये बताया कि 2019-21 में कर्नाटक 44.4, बिहार में 40, मणिपुर में 39.6, तमिलनाडू 38.1, तेलंगाना 36.9 और उत्तर प्रदेश में 34.8 प्रतिशत महिलाएँ घरेलू हिंसा का शिकार हुई हैं। यह वो आँकडें हैं, जो किसी न किसी रूप में सामने आए हैं लेकिन वास्तविकता इन आँकड़ों से भयानक है। घरेलू हिंसा के साथ-साथ कार्य स्थल पर हिंसा, सड़कों पर छेड़छाड़ आदि के साथ आभासी दुनिया में ही रोज महिलाएँ किसी न रूप हिंसा का शिकार हो रही हैं। शारीरिक हिंसा के अलावा मानसिक हिंसा से भी उन्हें रोज जूझना पड़ता है। वहीं सुश्री मीनल करहाटकरे ने हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने और कानूनों के प्रति जानकारी रखने हेतु सुझाव और बचाव के तरीकों और अपने अनुभवों को छात्र-छात्राओं के साथ साझा किया। संस्था की कराटे ट्रेनर और सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री कोमल सोनी और उनके सहयोगी श्री नीरज सोनी ने लड़कियों को कराटे के तमाम तकनीकों को डेमो के माध्यम से सभी के सामने साझा किया।
उन्होंने बताया कि कैसे अचानक हुए हमले, छेड़छाड़ से किस तरह की सूझबूझ से बचा जा सकता है। श्री नीरज सोनी ने अपनी (Moxieheal Foundation) संस्था में सभी लड़कियों को मुफ्त ट्रेनिंग देने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम के अंत में आभार ज्ञापन में डॉ. नरेश गौतम, सहायक प्रोफेसर, समाजकार्य विभाग ने दिया। आभार वक्तव्य उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चियों से साथ सबसे अधिक यौन शोषण कि घटनाएँ उनके सबसे नजदीकी रिश्तेदारों, पड़ोसियों द्वारा की जाती हैं, जिसकी शिकार सिर्फ महिलाएँ या बच्चियाँ ही नहीं होती बल्कि बहुत बार लड़के भी यौनिक हिंसा का शिकार होते हैं। जो कहीं न कहीं उनके पूरे जीवन को बर्बाद कर देते हैं। जिसका सीधा असर मनोमस्तिष्क पर होता है। जो जीवन भर उसे कचोटता रहता है। शारीरक हिंसा से तो वह उबर आते हैं लेकिन मानसिक हिंसा का शिकार हुये जीवन भर उससे अपनी लड़ाई लड़ते हैं, जो बहुत ही घातक साबित होता है। हमारे समाज की ऐसी संरचना है जो बहुत बार आवाज उठाने में बाधा बनती है और हिंसा करने वालों का मनोबल बढ़ाती है। इससे बचने के लिए महिलाओं को अपनी चुप्पी तोडनी होगी और इसके खिलाफ एक जुट हो कर आवाज उठानी होगी।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में समाज कार्य की अध्यक्ष एवं सहायक प्रोफेसर, श्रीमती मनीषा बोस, कला संकाय के डीन डॉ. मनीष वर्मा, राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर श्री योगमय प्रधान, डॉ. सुजाता घोष, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनीता सोनवानी, डॉ. संतोष कुमार (एसोसिएट प्रोफेसर, जनसंचार विभाग) श्री निरंजन कुमार, सहायक प्रोफेसर, श्रीमती स्नेहा बिस्वास(अंग्रेजी विभाग), सहायक प्रोफेसर साधना देवांगन (अर्थशास्त्र विभाग) एवं समस्त विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।