तिल्दा-नेवरा– विगत चार दिनों से तिल्दा क्षेत्र के मदिरा दुकानों में देसी मसाला एवं देसी प्लेन तथा गोवा की शराब उपलब्ध नहीं होने से शराब पीने के शौकीन लोग परेशान हो गए हैं ।इधर-उधर से ब्लैक में खरीदने को मजबूर है । शराब पीने के आदतन लोग आसपास के कई अन्य दुकानों जिसमें सिंमगा, बैकुंठ, खरोरा, मांढर सिलयारी तक गोवा प्लेन व मसाला सस्ती कीमत के शराब के लिए इधर उधर पता लगाने एवं व्यवस्था हो जाए इसी जुगत में भटक रहे हैं।
लोगो में चर्चा का विसय क्या आचार संहिता के पहले दावेदरों के द्वारा शराब भट्ठियों को खरीद कर शराब को डंप किया जा रहा है?
तिल्दा-नेवरा के शराब दुकानों में दो सौ रुपए से ऊपर की कीमत का ही पव्वा शराब मिल रहा है।वह भी ब्रान्ड के नाम पर नामी गिरामी नंबर वन, एरिस्टोक्रेट सीमित मात्रा में बोतल में था जो खत्म हो चुका है। बाकी बचे हुए में रायफल, आदि नामों के शराब ही उपलब्ध है जों कि दो सौ रुपए से ऊपर का पव्वा मिल रहा है जिसे पीने वाले मन मारकर पीने को मजबूर है। महंगी शराब पीने वाले जैसे तैसे अपना काम चला रहे हैं परंतु हमाल कुली , कबाड़ी और मजदूर ,डाईबर , कन्डेक्टर तबके के लोग सस्ती कीमत की शराब उपलब्ध न होने से बहुत परेशान हैं। औधौगिक क्षेत्र होने से इनकी संख्या ज्यादा है।कहीं मजबूरी में शराब का विकल्प ढूंढ कर कुछ अन्य प्रकार की नशाखोरी की जकड़ में न आ जाए इसकी संभावना अधिक है।
क्षेत्र में रोज़ी मजदूरी एवं कड़ी मेहनत करने वाले लोग रहते हैं जो काम से आने के बाद अपनी थकान उतारने के लिए शराब को ही अच्छा साधन मानते हैं और उसके न मिलने से वें लोग या तो ब्लेक में खरीदने मजबूर या फिर अन्य नशीले पदार्थो की ओर आकर्षित न हो जाए इसकी भी संभावना अधिक नजर आ रही है। क्यों कि आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी के अनुसार आने वाले तीन चार दिनों तक तिल्दा-नेवरा-के मदिरा दुकानों में सस्ती कीमत की शराब मिलना मुश्किल है । इसका कारण बताया जा रहा है कि शराब फैक्ट्री से सप्लाई में कमी के कारण सार्टेज की स्थिति उत्पन्न हो गई है।इस संबंध मे आबकारी निरीक्षक को फोन लगाया गया तो उनका मोबाइल फोन समाचार लिखे जाने तक कवरेज से बाहर बताता रहा।