तिल्दा नेवरा:/ विगत 3 दिवसों से तिल्दा नेवरा धर्म नगरी के रूप में परिवर्तित हो गयी है जिसमे दूर दूर के भक्त संगीतमय भक्ति व प्रीति बढ़ाने की कथा जो चारो युगों में भगवान के भक्तों के चरित्रों की कथा गायन वृंदावन की धीर समीर आश्रम से आचार्य श्री हरिवंश दास जी महाराज के द्वारा श्री भक्तमाल की कथा प्रवाहित हो रही है,यह दुर्लभ कथा बड़े सौभाग्य से हमारे तिल्दा अंचल के भक्तों को बड़ी इंतजार के बाद सावन महीने में मिला है जिसका आयोजन जीवन ज्योति रक्तदान समिति व सोमनाथ सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित है।
महाराज जी कथा प्रसंग में बताते है कि भगवान अपने भक्तों का निरन्तर ध्यान रखते है,अपने मान का ख्याल न करके अपने अनन्य भक्तों की मान मर्यादा का सदैव ख्याल रखते है,सत्संग में महाराज जी बताते है कि गुरु माँ के सामान होती है जो हमारे हर क्षण, ख्याल रखते है, मन की चंचलता को रोकने हेतु गुरु के बताए ध्यान मार्ग में चलकर अध्यात्म में चलकर ईश्वर को पाया जा सकता है,ईश्वर हमसे कंही दूर नही बल्कि हमारे आस पास ही है बस उसे पहचानने की और अपने हृदय को सुंदर व स्वच्छ बनाने की जरूरत है।
आयोजक समिति द्वारा सभी भक्तों के बैठक ब्यवस्था,सुविधा,प्रसाद वितरण ,चिकित्सा सुविधा,बाहर से आ रहे श्रध्दालुओं की महाराज जी के कर कमलों द्वारा सम्मान कार्यक्रम इत्यादि की उचित ब्यवस्था का ख्याल विशेष रूप से रखा जा रहा है।