रायपुर: भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद तेजस्वी सूर्या का सोमवार सुबह राजधानी पहुँचने पर विमानतल पर भव्य स्वागत किया गया। सूर्या यहाँ पीएससी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले के खिलाफ भाजयुमो द्वारा आहूत सीएम हाऊस के घेराव आंदोलन का नेतृत्व करने पहुँचे। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी और भाजयुमो के पदाधिकारी व कार्यकर्ता काफी संख्या में उपस्थित थे। भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्या विमनातल से सीधे जैतखाम पहुँचे, जहाँ बाबा गुरु घासीदास के जयकारों के मध्य उन्होंने जैतखाम पर माल्यार्पण कर नारियल अर्पित किया। यहाँ से वीआईपी रोड स्थित श्रीराम मंदिर पहुँचे। मंदिर के पुजारी ने भगवान श्रीराम का पूजन-अर्चन श्री सूर्या द्वारा कराया।
श्री राम मंदिर में पूजन-दर्शन के उपरांत सूर्या नालंदा परिसर पहुँचे जहाँ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं ने सूर्या से छत्तीसगढ़ पीएससी में हुए भर्ती घोटाले पर अपने मन की पीड़ा साझा की। इन युवा छात्र-छात्राओं से सूर्या ने दिक्कतों, कमियों और अन्य बिंदुओं पर सीधा संवाद स्थापित किया। युवाओं ने सूर्या से साफ-साफ कहा कि अब हमारे प्रदेश की भूपेश-सरकार का परीक्षा व्यवस्था से भरोसा उठ चुका है। इस बिकाऊ सरकार प्रदेश के होनहार युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं रख सकती। इस दौरान सूर्या ने परिसर में व्याप्त कमियों व खामियों को बिंदुवार सूचीबद्ध भी किया।
भाजपा सांसद सुनील सोनी, प्रदेश भाजपा महामंत्री द्वय विजय शर्मा व ओ.पी. चौधरी, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रविभगत भी इस मौके पर मौजूद थे।सीजी पीएससी में भ्रष्ट और मैनिकुलेटिव सिस्टम चल रहा’ नालंदा परिसर में छात्र-छात्राओं से चर्चा के बाद भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्या ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ के पीएससी की चयन प्रक्रिया और पद्धति सबसे भ्रष्ट और सबसे मैनिपुलेटिव है। प्रश्नपत्र में 10 से 20 प्रतिशत तक प्रश्न ही गलत होते हैं, ऑन्सर कीज़ भी गलत होती हैं, मॉडल ऑन्सर जो प्रथम व पूर्वाद्ध के बद सामने लाए जाते हैं और बाद में अमेंडेंट ऑन्सर प्रकाशित नहीं होते हैं। श्री सूर्या ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं को दुराग्रहपूर्वक साजिश के आधार पर जटिल बनाकर, पहले से लक्षित अभ्यर्थी का चयन तय कर उन्हें ऑन्सर शीट्स लीक कर दी जाती है, और लक्षित अभ्यर्थी का चयन कर लिया जाता है। श्री सूर्या ने कहा कि यही भ्रष्ट, मैनिपुलेटिव सिस्टम सीजी-पीएससी में चल रहा है। जो बच्चे यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, वे आम सामान्य परिवार से आते हैं, तीन-चार वर्षों की कठिन मेहनत के बाद भी सिस्टम ही जब इन युवाओं के खिलाफ है, तो वे हतोत्साहित होते हैं, इससे समूची व्यवस्था से भरोसा खत्म हो जाता है।