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28वीं ऑल इंडिया फ़ॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट में छत्तीसगढ़ ने साबित कर दिया — हम चैंपियन थे, हैं, और हमेशा रहेंगे

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रायपुर छत्तीसगढ़: गौरव और परंपरा से भरे इस क्षण में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर अपनी अडिग पहचान दर्ज कराते हुए 28वीं ऑल इंडिया फ़ॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट में, जो 12 नवम्बर से 16नवम्बर तक देहरादून में आयोजित हुई, लगातार 13वीं बार ओवरऑल चैंपियनशिप ट्रॉफी अपने नाम की। यह उपलब्धि अनुशासन, कठिन परिश्रम और अटूट जज़्बे से गढ़ी गई है।आज आयोजित भव्य समापन समारोह में उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह तथा उत्तराखंड के वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने संयुक्त रूप से ओवरऑल चैंपियनशिप ट्रॉफी प्रदान की।

छत्तीसगढ़ की ओर से यह ट्रॉफी सुश्री शालिनी रैना, IFS, प्रभारी APCCF HRD & IT तथा छत्तीसगढ़ दल की नोडल अधिकारी ने ग्रहण कीं—जो टीम की एकजुटता और उत्कृष्टता की प्रतिमूर्ति रहीं।

इस वर्ष 253 सदस्यों वाले छत्तीसगढ़ दल ने अभूतपूर्व प्रभुत्व दिखाते हुए शानदार प्रदर्शन किया: स्वर्ण पदक: 74 रजत पदक: 34 कांस्य पदक: 42 चौथा स्थान: 37 कुल पदक: 150 कुल अंक: 578पहले रनर-अप के 357 अंकों की तुलना में छत्तीसगढ़ ने 221 अंकों के विशाल अंतर से बाज़ी मारी—यह प्रदर्शन टीम के अटूट मनोबल और निरंतरता का प्रमाण है।

प्रतियोगिता में कई उत्कृष्ट व्यक्तिगत प्रदर्शन भी छत्तीसगढ़ की पहचान बने: सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी: निखिल ज़ाल्को – 5 स्वर्ण (तैराकी) सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी: संगीता राजगोपालन – 4 स्वर्ण, 1 रजत (बैडमिंटन एवं टेनिस) सर्वश्रेष्ठ एथलीट – महिला ओपन: थोटा संकीर्तन – 5 स्वर्ण, “गोल्डन गर्ल” सर्वश्रेष्ठ एथलीट – पुरुष वेटरन: सुखनंदन लाल ध्रुव – 5 स्वर्ण सर्वश्रेष्ठ एथलीट – महिला वेटरन: चारुलता गजपाल – 4 स्वर्णये उपलब्धियाँ केवल पदक नहीं हैं, बल्कि कठिन प्रशिक्षण, गहरे अनुशासन और छत्तीसगढ़ के गौरव को ऊँचा उठाने की अडिग प्रतिबद्धता की कहानियाँ हैं।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि छत्तीसगढ़ के माननीय वन मंत्री श्री केदार कश्यप के दूरदर्शी मार्गदर्शन और श्री वी. श्रीनिवास राव, PCCF एवं HoFF के प्रेरक नेतृत्व के कारण संभव हो पाई। उनका निरंतर सहयोग, दिशा और प्रोत्साहन टीम को हर बार नई ऊँचाइयों तक ले जाता रहा।आज की यह विजय छत्तीसगढ़ वन विभाग के लिए एक स्वर्णिम अध्याय है—जहाँ मेहनत ने विजय को गले लगाया और परंपरा ने फिर एक बार इतिहास रचा। टीम ने न केवल विभाग का मान बढ़ाया, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर खेल भावना का नया मानदंड स्थापित किया।छत्तीसगढ़ ने फिर साबित कर दिया — हम चैंपियन थे, हैं, और हमेशा रहेंगे।

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