
बच्चे खोल रहे हैं स्कूल का ताला, शिक्षक नदारद — जिले की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
सावंददाता अंशु सोनी गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: विकासखंड गौरेला अंतर्गत संकुल केंद्र उमरखोही व शासकीय प्राथमिक शाला – डुगरा में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे है। पिछले कई दिनों से कोई भी शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंच रहा, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो चुकी है।स्कूल के बच्चों से बात करने में पता चला कि प्रतिदिन छोटे-छोटे बच्चे स्वयं स्कूल का ताला खोलकर कक्षा में प्रवेश करते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं होता पढ़ाई के नाम पर शून्य स्थिति बनी हुई है, जिससे अभिभावकों में नाराजगी और चिंता दोनों बढ़ रही हैं।प्राथमिक शाला डुगरा में बच्चों की संख्या लगभग 70 – 80 है और पढ़ाने वाले शिक्षक सिर्फ एक और वो भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंच पा रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण स्कूल की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। बड़ी बात यह है कि अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इस पर क्या संज्ञान लेता है,क्योंकि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य की ज़िम्मेदारी आखिर किसकी होगी?शिक्षकों को blo कार्य प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। जिले में शिक्षकों की कमी है जिस वजह से स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं।रजनीश तिवारी जिला शिक्षा अधिकारीगौरेला पेंड्रा मरवाही






