
हिरमी – रावन: ग्रामीण संस्कृति और परंपराओं को सहेजने के एक अद्भुत प्रयास के तहत, ग्राम भटभेरा की महिलाओं के समूह ने डॉ. मोहन लाल वर्मा सभापति उद्योग एवं सहाकारिता समिति जिला पंचायत बलौदाबाजार, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति डी के कालेज ब. बा. के निवास पर पारंपरिक सुवा नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। दीपावली के आसपास किए जाने वाले इस लोक नृत्य ने न केवल वर्मा परिवार को आनंदित किया, बल्कि ग्रामीण परंपराओं को ज़िंदा रखने के उनके दृढ़ संकल्प को भी प्रदर्शित किया।सुवा नृत्य छत्तीसगढ़ की संस्कृति का एक अमूल्य हिस्सा है, जिसे मुख्य रूप से महिलाएं समूह में करती हैं। इस नृत्य में, धान से भरी टोकरी में मिट्टी के तोते (सुवा) की स्थापना की जाती है और महिलाएं उसके चारों ओर गोल घेरा बनाकर, तालियों की थाप पर सुवा गीत गाते हुए नृत्य करती हैं। यह नृत्य नारी मन के सुख-दुख, प्रेम और विरह की अभिव्यक्ति के साथ-साथ शिव-पार्वती की भक्ति का प्रतीक भी माना जाता है।डॉ. मोहन लाल वर्मा के घर में महिलाओं ने जिस उत्साह और पारंपरिक विधि-विधान के साथ यह नृत्य प्रस्तुत किया, वह आज की पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। इस आयोजन ने सिद्ध कर दिया कि आधुनिकता की दौड़ में भी हमारी लोक कलाएं और परंपराएं मजबूती से अपनी जड़ें जमाए हुए हैं।बधाई और शुभकामनाएं: डॉ. मोहन लाल वर्मा के घर में सुवा नृत्य प्रस्तुत कर ग्रामीण परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने के इस सराहनीय कार्य के लिए ग्राम भटभेरा की समस्त महिलाओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं! आप सभी ने अपनी कला और समर्पण से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई ऊर्जा प्रदान की है। यह प्रयास न केवल एक आयोजन है, बल्कि हमारी अमूल्य विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक सफल कदम है।हम कामना करते हैं कि यह परंपरा इसी प्रकार फलती-फूलती रहे और हमारी संस्कृति का गौरव बढ़ाती रहे।जय जोहार, जय छत्तीसगढ़!







