
भाजपा के कार्यकर्ता बना था सहकारी समिति अध्यक्ष, घर से निकला 700 कट्टी धान का जखीरा
पंडरिया: क्षेत्र में मचा हड़कंप, जांच की उठी मांग कबीरधाम जिले के पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कामठी के अध्यक्ष कृष्णा देवांगन के घर से लगभग 700 कट्टी धान की बोरियों का जखीरा मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। बताया जा रहा है कि यह धान समिति से खरीदी कर किसानों के नाम पर रखा गया था, जिसकी मात्रा और भंडारण दोनों ही संदिग्ध पाए गए हैं।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, समिति अध्यक्ष कृष्णा देवांगन भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने संगठन में लंबे समय तक पदाधिकारियों के साथ निकट संबंध बनाए रखे हैं। उनके घर से इतनी बड़ी मात्रा में धान मिलने के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि यह कार्यवाही किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।प्रशासन और सहकारिता विभाग की भूमिका पर उठे सवालस्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि समिति स्तर पर धान की खरीदी में अनियमितता लंबे समय से की जा रही थी, जिसकी शिकायतें पूर्व में भी दी गई थीं, किंतु प्रशासन और सहकारिता विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब जब अध्यक्ष के घर से धान की बोरियाँ मिली हैं, तो पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।किसानों के हक पर डाका, जनता में आक्रोशकृष्णा देवांगन के घर से मिले जखीरे ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर किसानों के नाम पर खरीदे गए धान का सही उपयोग किया गया या नहीं। किसानों का आरोप है कि समिति के पदाधिकारियों ने धान की कालाबाजारी कर अपने हित साधे और गरीब किसानों को उनके मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिला।राजनीतिक सरगर्मी तेज, विपक्ष ने साधा निशानामामले के उजागर होते ही पंडरिया क्षेत्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे भाजपा की कार्यशैली और सहकारिता तंत्र की नाकामी बताते हुए तीखा प्रहार किया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि भाजपा के संरक्षण में समितियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।जांच की मांग और कार्रवाई की प्रतीक्षाग्रामीणों एवं किसानों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच उच्चस्तरीय टीम से कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। वहीं, प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।हालांकि, क्षेत्र में इस घटना ने शासन, प्रशासन और राजनीतिक तंत्र तीनों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।







