
सावंददाता अंशु सोनी : गौवंश तस्करी के नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई के बीच मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त रणनीति बनाने की पहल तेज कर दी है। इसी क्रम में 18 सितम्बर को राजनगर (मध्यप्रदेश) में अंतरराज्यीय सीमा समन्वय बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए।बैठक की पृष्ठभूमि में हाल ही में मरवाही पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान की अहम सफलता रही, जिसमें अंतरराज्यीय गौवंश तस्करी नेटवर्क से जुड़े कुख्यात अपराधी — कोतमा क्षेत्र के लखन साहू और कोटमी क्षेत्र के दौलत राम राठौर गिरफ्तार किए गए थे। इस कार्रवाई को तस्करी पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है।बैठक में गौवंश तस्करी के साथ-साथ मादक पदार्थों की तस्करी, पशु बाजारों का दुरुपयोग, चोरी और संगठित गिरोहों की गतिविधियों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। सीमावर्ती मार्गों पर कड़ी निगरानी, नाकेबंदी और सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
मुख्य निर्णय: दोनों राज्यों की पुलिस संयुक्त गश्त और चेकिंग अभियान चलाएगी। सक्रिय गिरोहों की सतत निगरानी और हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। सीमा से 50 किमी दायरे में संदिग्ध पशु बाजारों को स्थानांतरित करने या लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। आदतन अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोनों राज्यों के बीच रियल टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग के लिए संयुक्त व्हाट्सएप ग्रुप बनेगा। त्यौहार और मेलों के दौरान विशेष चौकसी बरती जाएगी। सीमावर्ती थाना प्रभारियों की मासिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित होंगी।बैठक का समापन आपसी सहयोग और समन्वय की भावना के साथ हुआ। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि शासन की मंशानुसार गौवंश तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य संगठित अपराधों के खिलाफ संयुक्त अभियान आगे भी और प्रभावी ढंग से जारी रहेंगे।







