
न्यूज डेस्क दिल्ली: पीएम मोदी ने पहलगाम हमले को जघन्य बताते हुए कहा कि यह देश में दंगे फैलाने की आतंकी साजिश थी. निर्दोष नागरिकों को धर्म पूछकर मारा गया. देशवासियों ने इस साजिश को नाकाम कर दिया. 22 अप्रैल को मैं विदेश था. जब वापस आया, लौटते ही बैठक बुलाई और आतंक के आकाओं को करारा जवाब देने के लिए कहा. आतंकियों और उनके आकाओं को कल्पना के भी परे सजा देने, आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का संकल्प व्यक्त किया. हमें सेना की क्षमता और सामर्थ्य पर पूरा भरोसा था. हमने सेना को खुली छूट दी. आतंकियों के आकाओं को भी अंदाजा लग गया था कि भारत कार्रवाई करेगा. उधर से न्यूक्लियर हमले की धमकियों के बयान आने शुरू भी हो गए थे. हमें गर्व है कि 6 और 7 मई की रात हमने जैसा तय किया था, वैसा जवाब आतंकियों को दिया. हमने मारा और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. ऐसा करारा जवाब दिया, कि आतंक के आकाओं की आज भी नींद उड़ी हुई है. 22 अप्रैल का बदला हमने 22 मिनट में ले लिया. हमने वहां घुसकर भी मारा, जहां पहले कभी नहीं गए थे. आतंकी अड्डों को धुआं-धुआं कर दिया. पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकियों को हमने झूठा साबित कर दिया. भारत ने सिद्ध कर दिया कि ये अब नहीं चलेगा और ना ही भारत इन धमकियों के आगे झुकेगा. हमने पाकिस्तान के सीने पर ऐसा दर्द दिया है, कि आज भी उसके कई एयरपोर्ट आईसीयू में पड़े हुए हैं.






