
न्यूज डेस्क दिल्ली: जेलों में ओवरक्राउडिंग एक गंभीर समस्या बन गई है, जहां 10,000 की क्षमता के मुकाबले 19,000 कैदी बंद हैं. तिहाड़ की जेल नंबर 1 और 4 में क्षमता से 4-5 गुना अधिक कैदी हैं, जबकि कुछ मंडोली जेल परिसरों में कैदियों की संख्या कम है. अंडरट्रायल कैदियों की संख्या सजायाफ्ता कैदियों से आठ गुना अधिक है, जिससे जेलों पर दबाव बढ़ रहा है. सुरक्षा उपाय कड़े किए गए हैं, जिनमें मोबाइल जैमर, 7,549 सीसीटीवी कैमरे, बॉडी-वॉर्न कैमरे और क्विक रिएक्शन टीमें तैनात की गई हैं. ओवरक्राउडिंग को कम करने के लिए नरेला और बापरौला में नए जेल परिसरों के निर्माण की योजना बनाई गई है, जिसमें 256 कैदियों की क्षमता वाली उच्च सुरक्षा जेल का काम अगले 6 महीने में शुरू होगा. जेल प्रशासन का बजट भी बढ़कर 595 करोड़ रुपये हो गया है, जो 2019-20 में 490 करोड़ रुपये था.





