
हिरमी – रावन : देश के हर राज्य का खान-पान अपनी अलग पहचान रखता है, और छत्तीसगढ़ भी इसमें पीछे नहीं है. यहां की भजियों को खास पहचान मिली है, जो अपने औषधीय गुणों और पोषक तत्वों के लिए जानी जाती हैं. लाल भाजी, पालक भाजी, चौलाई भाजी, मेथी भाजी जैसी कई स्थानीय भाजियां यहां काफी लोकप्रिय हैं. गर्मी के दिनों में मिलने वाली बोहार भाजी विशेष रूप से पौष्टिक होती है, जिसे दही और अन्य सामग्रियों के साथ तैयार किया जाता है. बाजार में इसकी कीमत करीब 200 रुपए प्रति किलो है, और इसे छत्तीसगढ़ में चाव से खाया जाता है l छत्तीसगढ़ के बस्तर, सरगुजा और अन्य क्षेत्रों में बोहार भाजी को बेहद पौष्टिक माना जाता है, खासकर गर्मी के दिनों में इसकी मांग बढ़ जाती है. नगर के बाजार चौक पर भाजी बेचने वाला श्यासुन्दर ने बताया कि बोहार भाजी 50 रुपए पाव और 200 रुपए किलो में बिकती है. यह भाजी डोड़ी लोहारा और बालोद जिले से लाई जाती है. अपने औषधीय गुणों के कारण यह भाजी गर्मी के मौसम में लोगों की पहली पसंद बनी रहती हैl दिलेश्वर मढरिया ने बताया कि प्राकृतिक विरासत का हिस्सा छत्तीसगढ़ का भौगोलिक परिदृश्य मैदानी और जंगली इलाकों का अनूठा मिश्रण है, जिसकी झलक यहां के खान-पान में भी दिखती है. यहां के लोग सब्जियों के रूप में विभिन्न प्रकार की भाजियों का भरपूर उपयोग करते हैं, और बोहार भाजी भी इसी प्राकृतिक विरासत का हिस्सा है. कोमल पत्तों और कलियों से बनी यह भाजी कुछ ही दिनों में फूल में बदल जाती है, इसलिए इसे खाने के लिए फूल बनने से पहले ही तोड़ना जरूरी होता हैl





