Home Breaking किसानों की अनाज भरी ट्रॉली निकल नहीं पातीः निचला अंडरपास बना मुसीबत

किसानों की अनाज भरी ट्रॉली निकल नहीं पातीः निचला अंडरपास बना मुसीबत

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ढाई सौ एकड़ जमीन तक पहुंचने में किसानों को आ रही है परेशानी

अनिल उपाध्याय: खातेगांव खातेगांव में इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे पर बने बायपास ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बिजली मंडल से पांड्यादेह मार्ग पर स्थित 40 किसानों की 250 एकड़ जमीन तक पहुंचने का रास्ता लगभग बंद हो गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया अंडरपास इतना निचला है, इससे किसानों की अनाज से भरी ट्रॉली, हार्वेस्टर और जेसीबी जैसी कृषि मशीनें नहीं निकल पा रही हैं।पांड्यादेह, बरवई और भटासा के कई ग्रामीण 100 साल पुराने इस रास्ते का इस्तेमाल आने-जाने के लिए करते आए हैं। किसानों का कहना है कि बायपास निर्माण के समय अधिकारियों ने उपयुक्त अंडरपास बनाने का आश्वासन दिया था। लेकिन, गलत अलाइनमेंट और कम ऊंचाई के कारण वाहनों का आवागमन बाधित हो रहा है। जून 2022 से किसान लगातार अधिकारियों को आवेदन दे रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।इस समस्या के कारण किसानों को मंडी जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जिससे एक किलोमीटर की दूरी बढ़कर 11 किलोमीटर हो गई है। किसानों ने अंडरपास की ऊंचाई बढ़ाने या दोनों तरफ सर्विस रोड बनाने की मांग की है। उन्होंने एसडीएम और एनएचआई के अधिकारियों को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद वे चक्काजाम और आमरण अनशन जैसे आंदोलन करने की चेतावनी दे चुके हैं। फिलहाल प्रशासन ने जेसीबी से मार्ग का कीचड़ हटवाया है, लेकिन मूल समस्या अभी भी बरकरार है।अंडर बायपास के चलते किसानों को हो रही समस्या।NHAI के अधिकारी बोले- विधायक से गडकरी को पत्र लिखने के लिए कहिएकिसानों ने आरोप लगाया कि जब विधायक का एसडीएम नाम लिखा पत्र हमने दिखाया, तो एनएचआई के अधिकारी कहने लगे कि यहां लेटर लिखने से कुछ नहीं होगा, आप विधायक को कहिए कि नितिन गडकरी को पत्र लिखें। किसानों का कहना है कि काम पूरा होने से पहले अधिकारी सर्विस रोड़ का आश्वासन देते थे। लेकिन, बायपास का निर्माण हो जाने के बाद अधिकारियों की भाषा बदल गई है। अब तो वे बात करते समय वीडियो रिकॉर्डिंग भी नहीं करने देते और फोन बंद करवा देते हैं। किसानों का कहना है कि सर्वे नंबर 348 पटवारी रिकॉर्ड में रास्ता है। अधिकारी कह रहे हैं कि यहां अंडरपास नहीं कल्वर्ट बनाया गया है। जो नाले पर बनाया जाता है। इनका कहना हैसमस्या यह है कि वह हमारा 100 साल से यह रास्ता था ।100 साल तक हमें कोई परेशानी नहीं आई, जब से फोर लाइन सड़क का काम हुआ तब से किसानों के हार्वेस्टर और गेहूं से की ट्रालियां नहीं निकल पा रही हे। यहीं से चार गांव का रास्ता है उन गांव के किसानों को भी यहां से निकलने में काफी परेशानी हो रही है।”पलकराम भादू” पूर्व मंडी अध्यक्ष

इनका कहना हे यह अंडरपास नहीं है कल्वर्ट है। जो 4 बाय 4 मीटर का है। इसमें से वाहन निकालने की अनुमति नहीं होती। यहां जो पानी जमा हो रहा है, वो आसपास के खेतों से आया हुआ ही है। पूरा निर्माण ड्राइंग के हिसाब से हुआ है। हम अपने स्तर से कुछ नहीं कर सकते। सर्विस रोड़ का प्रस्ताव दिल्ली भेजा जाएगा। वहां से मिले निर्देश पर ही आगे की कार्यवाही हो पाएगी।

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