
कलेक्टर ने ली जिला स्तरीय एनकॉर्ड समिति की बैठक
रिपोर्टर परमेश्वर यादव बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की अध्यक्षता मे आज कलेक्टरेट के दिशा सभाकक्ष मे ( एनकॉर्ड ) नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई | यह समिति जिले मे नशीले पदार्थों की तस्करी और इससे जुड़े अपराधों को रोकने के लिए आयोजित की जाती है। इसका उद्देश्य विभिन्न सरकारी एजेंसियों, राज्य सरकारों और अन्य संबंधित पक्षों के बीच समन्वय बढ़ाना है, ताकि नशीली दवाओं की तस्करी को नियंत्रित किया जा सके और इसके दुष्प्रभावों से समाज की सुरक्षा की जा सके। बैठक में नशीली दवाओं के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई, नशीली दवाओं के सेवन से जुड़ी समस्याएं और समाधान, सीमा सुरक्षा और तस्करी के मार्गों की पहचान, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना आदि विषयो पर चर्चा की गई | बैठक मे एडीएम प्रकाश भारद्वाज, डीएसपी झा, एनकॉर्ड की टीम उपस्थित थी | कलेक्टर ने बैठक मे पुलिस प्रशासन और एनकॉर्ड टीम को तस्करों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए है , उन्होंने स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नशीली दवाओं की तस्करी और उससे जुड़े अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा । कलेक्टर ने स्थानीय पुलिस, और खुफिया एजेंसियों को तस्करी से जुड़े मामलों की जांच करने, संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी करने और गिरफ्तारियां करने के निर्देश दिए । कलेक्टर ने कहा तस्करों के ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाए जा सकते हैं, जिनमें पुलिस और अन्य एजेंसियां शामिल हो सकती हैं। उन्होंने कहा की संदिग्ध क्षेत्रों में वाहनों की तलाशी ली जा सकती है, खासकर उन मार्गों पर जहां से अवैध सामान की तस्करी होने की संभावना हो। कलेक्टर ने कहा की तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने जिले के संदिग्ध क्षेत्रों में जाँच करने का निर्देश दिये है, विशेष रूप से नशीली दवाओं की तस्करी, चोरी, या अन्य अपराधों को रोकना और अपराधियों को पकड़ना है। पुलिस अधीक्षक ने कहा की संदिग्ध क्षेत्रों में पुलिस बल की गश्त और निगरानी बढ़ाई जाये ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके। उन क्षेत्रों में रहने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और उनके गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश । पुलिस गुप्त सूचना के आधार पर संदिग्ध ठिकानों, गोदामों, या अन्य जगहों पर छापेमारी कर सकती है। पुलिस स्थानीय मुखबिरों की मदद ले सकती है ताकि उन्हें संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिल सके और समय रहते कार्रवाई की जा सके।इस तरह की जाँच का उद्देश्य अपराधियों को पकड़ना और जिले में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना होता है।





