रिपोर्टर परमेश्वर यादव बेमेतरा:- कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), बेमेतरा में क्रेडा विभाग के सहयोग से उर्जा एवं जल संरक्षण पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के 45 से अधिक किसानों और कृषि महाविद्यालय, साजा के रावे कार्यक्रम के छात्रों ने भाग लिया।कार्यशाला का उद्घाटन केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, श्री तोषण कुमार ठाकुर ने किया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि उर्जा संरक्षण का मूल सिद्धांत यह है कि उर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने आधुनिक जीवनशैली के कारण परंपरागत उर्जा स्रोतों के अत्यधिक दोहन पर चिंता व्यक्त की और गैर-परंपरागत उर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन और जैव उर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया।तकनीकी सत्रतकनीकी सत्र में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र कुमार जोशी ने कृषि में उर्जा और जल संरक्षण के लिए उन्नत तकनीकों और कृषि यंत्रों की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को इन तकनीकों के लाभ और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर उनके उपयोग के तरीके समझाए। क्रेडा विभाग के जिला प्रभारी श्री गौरीशंकर राठौर ने उर्जा एवं जल संरक्षण के उपायों और विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि इन योजनाओं का लाभ कैसे लिया जा सकता है। सोलक्सी ईको प्रा. लि. के निदेशक श्री दिनेश सिन्हा ने सौर उर्जा की कार्यप्रणाली, इसकी आवश्यकता और इसके उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री सौर ऊर्जा योजना और उसमें मिलने वाले शासकीय अनुदान की जानकारी भी साझा की।कार्यक्रम के दौरान केवीके के वैज्ञानिक डॉ. लव कुमार और श्री डोमन सिंह टेकाम ने लाभार्थी किसानों को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया। उन्होंने रबी फसलों की तैयारी, प्रबंधन और बेहतर उत्पादन के लिए उपयोगी सुझाव दिए।उपस्थित प्रतिभागीइस कार्यक्रम में क्रेडा विभाग के इंजीनियर श्री खेमराज वर्मा, उप अभियंता श्री अमित कुमार बेरठ और उर्जा संरक्षण प्रभारी भी उपस्थित रहे। किसानों ने कार्यक्रम के दौरान उर्जा संरक्षण और विभागीय योजनाओं से संबंधित अपनी जिज्ञासाएं साझा की और उनके समाधान प्राप्त किए।यह कार्यशाला किसानों को उर्जा और जल संरक्षण के महत्व को समझाने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करने में सफल रही।