भाजपा सरकार का चरित्र आदिवासी हितों के खिलाफ है, केवल अडानी के मुनाफे पर केंद्रित है सरकार
रायपुर : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने हरदेव अरण्य के जंगलों में अवैध कटाई के दौरान ग्राम लक्ष्मणगढ़, ब्लॉक उदयपुर, जिला सरगुजा निवासी आदिवासी युवक कमलेश सिरदार सहित तीन मजदूरों की मौत के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के संसाधनों को मोदी के मित्र अडानी पर लुटाने के लिए आदिवासी हितों के खिलाफ षड़यंत्र रच रही है। अडानी के मुनाफे के लिए हसदेव अरण्य जंगल में अवैध कटाई खुद भाजपा की सरकार करवा रही है और विरोध करने वाले आदिवासियों पर डंडे बरसाए जा रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार वन अधिकार अधिनियम में संशोधन करके आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन के अधिकार से वंचित कर रही है। अपने कॉर्पोरेट मित्रों के मुनाफे के लिए कमर्शियल माइनिंग शुरू किये, कोल बेयरिंग एक्ट में संशोधन किया, अति महत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न क्षेत्र जिसमें छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य और तमोर पिंगला का क्षेत्र भी शामिल था वहां पर “नो गो एरिया“ को संकुचित करके अपने पूंजीपति मित्र को कमर्शियल मीनिंग की अनुमति दी और उसे लागू करने संगीनों के साए में यह सरकार अवैध कटाई करवा रही है। तीन-तीन मजदूरों की मौत पर सरकार की खामोशी यह बताने के लिए पर्याप्त है कि यह सरकार कितनी मजबूर है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं बेतहाशा बढ़ गई है। पहले ग्राम सभा की फर्जी एनओसी लगाकर, भारी जनविरोध के बाबजूद नंदराज पर्वत अडानी को दिए, पूर्ववती कांग्रेस की सरकार ने लीज निरस्त करने विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके मोदी सरकार को भेजा लेकिन अब तक निरस्त नहीं किया गया है और अब केंद्र सरकार के विनिवेशीकरण के साइट “दीपम“ पर एनएमडीसी के नगरनार प्लांट को बेचने की प्रकिया जारी है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 2007 में कोरबा जिले के 450 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लेमरू हाथी रिजर्व पर अधिसूचना जारी करने की अनुमति तत्कालीन केंद्र की यूपीए सरकार ने छत्तीसगढ़ की प्रमुख सरकार को दिया था, 2018 तक की सरकार में रहे लेकिन अधिसूचना जारी नहीं किए। जब 2018 में कांग्रेस की सरकार आई तब इसका विस्तार करके 1995 किलोमीटर करने का निर्णय लिया भाजपा की सरकार में एक बार फिर से अघोषित तौर पर बंद कर दिया गया है। भाजपा सरकार की दुर्भावना से मानव हाथी द्वंद बढ़े हैं, जान माल की क्षति हो रही है, सर्वाधिक नुकसान आदिवासी वर्ग को हो रहा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में छत्तीसगढ़ में साढ़े सात लाख से अधिक वन अधिकार के पट्टे बांटे थे, शहरी क्षेत्रों में भी पहली बार वन अधिकार पट्टा आवंटित हुए थे लेकिन 11 महीने से अधिक का समय बीतने के बावजूद भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ में एक भी वन अधिकार पट्टा नहीं दे पाई है, उल्टे सामुदायिक पट्टे निरस्त करके आदिवासियों से जमीन छीनने का काम यह सरकार कर रही है। बीजापुर, पीडिया, कोयलीबेड़ा जैसे फर्जी मुडभेड़ करके आदिवासियों को पलायन के लिए मजबूर कर रहे है। आदिवासियों को डराने, धमकाने के लिए फर्जी मुकदमे दायर किये जा रहे हैं, अडानी प्रेम में यह सरकार आदिवासियों पर अत्याचार के नए-नए षड्यंत्र रच रही है।