ब्यूरो रिपोर्ट जबलपुर : खाखी के नाम का सही इस्तेमाल करने वाले हमेशा से सुर्खियों में रहने वाले वर्दी धारी अधिकारी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं, मामला पूरा जबलपुर के गोरखपुर संभाग का है जहा जबलपुर के ग्वारीघाट थाना अंतर्गत नर्मदा नगर में काफी समय से जमीन को लेकर विवादित स्थिति निर्मित हो रही है, जिसका मामला न्यायालय में पहले से ही विचारअधीन था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे भी जमीन में कब्जेदार मालेवार को मिला हुआ था, जिसमें कब्जा करने को लेकर आए दिन गुजराल परिवार हस्तक्षेप करता था और उनसे विवाद करने का प्रयास भी किया करता था, गुजराल परिवार के द्वारा भी अपनी ओर से न्यायालय में मामले की पैरवी की जा रही है, जहां आज बिना किसी सूचना के पुलिस के साठ गांठ करके सीएसपी एचआर पांडे ने थाना गोरखपुर, थाना ग्वारीघाट, और चौकी धनवंतरी नगर स्टाफ के बल के साथ मिलकर बिना एसडीएम, पटवारी, तहसीलदार और नही नगर निगम के अधिकारियों के गैर हाजरी में बलपूर्वक मालेवार का कब्जा हटवा कर गुजराल को कब्जा करवा दिया, जबकि मालेवार सीएसपी एचआर पांडे को बार-बार सुप्रीम कोर्ट के स्टे आर्डर की प्रतीक दिखाते रहे परंतु सीएसपी एचआर पांडे ने उनकी एक बात न मानी, वही कब्जा दिलाने के दौरान जब मालेवार के बेटे ने सीएसपी से बात करना चाही तो पुलिस के आला अधिकारियों ने उसको ले जाकर थाने में बंद कर दिया, जिसके बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा उनके बेटे को थाने से बाहर निकल गया, और सीएसपी से चर्चा करने का प्रयास किया, परंतु सीएसपी एचआर पांडे ने किसी की एक बात नहीं सुनी, वहीं इस दौरान मीडिया ने जब सीएसपी से जवाब तलब किया तब सीएसपी एचआर पांडे ने मीडिया से कहा के आपका इसमें बड़ा इंटरेस्ट दिखाई दे रहा है, तब मीडिया ने सीएसपी एचआर पांडे से कहा की जो गलत है साफ दिख रहा है उसकी आवाज उठाना ही मीडिया का काम है, देखने वाली बात क्या है जब इतनी बड़ी घटना को अंजाम उनके द्वारा दे दिया गया है अब उनके वरिष्ठ अधिकारी किस प्रकार की दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हैं।