Home Breaking छत्तीसगढ़ के काशी के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर…..जानिए पूरी मान्यताएं...

छत्तीसगढ़ के काशी के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर…..जानिए पूरी मान्यताएं क्या-क्या है

126
0
Oplus_131072



छत्तीसगढ़ के काशी के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर….

न्यूज डेस्क जांजगीर चांपा : छत्तीसगढ़ के काशी के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर राजधानी रायपुर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और धार्मिक नगरी शिवरीनारायण से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिला मुख्यालय जांजगीर चांपा से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कहते हैं कि भगवान राम ने यहां पर खर व दुषण का वध किया था इसलिए इस जगह का नाम खरौद पड़ा खरौद नगर में प्राचीन कालीन अनेक मंदिरों की उपस्थिति के कारण इसे छत्तीसगढ़ के काशी भी कहा जाता है

अभी सावन के इस पावन महीने में यहां पर भक्तों की लंबी-लंबी लाइन महादेव पर जल अर्पित करने के लिए लगी है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां इस सावन के महीने में महादेव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए पहुंच रहे लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर के गर्भ ग्रह में एक शिवलिंग है जिसके बारे में मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं लक्ष्मण जी ने की थी इस शिवलिंग में एक लाख छिद्र है इसलिए इसे लक्षलिंग भी कहा जाता है एक लाख छिद्र में एक शिवलिंग ऐसा भी है जो पाताल लोक तक जाता है क्योंकि इसमें जितना भी जल डालो उसी में समा जाता है

जबकि एक छिद्र अक्षय कुंड है क्योंकि इसमें जल हमेशा भरा रहता है यह मंदिर नगर के प्रमुख देव के रूप में पश्चिम दिशा में स्थित है,,,, मंदिर में चारों ओर पत्थर की मजबूत दीवार है इस दीवार के अंदर 110 फीट लंबा और 48 फीट चौड़ा चबूतरा है इसके ऊपर 48 फीट ऊंचा और 30 फुट गोलाकार लिए मंदिर स्थित है सभा मंडप के सामने के भाग में सत्यनारायण मंडप नंदी स्थित है मंदिर के प्रमुख द्वारा में प्रवेश करते ही सभा मंडप मिलता है इसके पश्चिम तथा वहां भाग में एक एक शिलालेख दीवार में लगा है दक्षिण भाग के शिलालेख की भाषा स्पष्ट नहीं है इसे पढ़ा नहीं जा सकता उसके अनुसार इस लेख में आठवीं शताब्दी के इंद्रवल तथा ईशान देव नमक शासको का उल्लेख हुआ है तथा एक शिलालेख में संस्कृत भाषा में 44 श्लोक लिखे हैं चंद्रवंशी हैयवंशी में रतनपुर के राजाओं का जन्म हुआ था उनके द्वारा अनेक मंदिर, मठ , तालाब आदि निर्माण कराने का उल्लेख है कहते हैं की रावण का वध , करने के बाद लक्ष्मण जी ने भगवान राम से ही इस मंदिर की स्थापना कराई थी यह भी कहते हैं लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर के गर्भ ग्रह में मौजूद शिवलिंग की स्थापना स्वयं लक्ष्मण जी ने की थी

कथा के अनुसार शिव जी को जल अर्पित करने के लिए लक्ष्मण जी पवित्र स्थान से जल लेने गए थे एक बार जब वह आ रहे थे तब उनका स्वास्थ्य खराब हो गया कहते हैं कि शिव जी ने बीमार होने पर लक्ष्मण जी को स्वयं दर्शन दिए और इस शिवलिंग की पूजा करने को कहा पूजा करने से लक्ष्मण जी स्वस्थ हो गए तभी से इसका नाम लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here