न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: 12 ज्योतिर्लिंग के उपलिंग कौनसे है ?हिंदू धर्म में12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है, और इनके साथ ही 12 उपलिंगों का भी वर्णन मिलता है। ये उपलिंग ज्योतिर्लिंगों के छोटे रूप या स्वरूप माने जाते हैं। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों और उनके उपलिंगों का विस्तार से विवरण दिया गया है:यह ज्योतिर्लिंग स्तोत्र संक्षिप्त 4 श्लोकों का ही स्तोत्र है, जिसमें भगवान देवादि देव महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम आते है, और बताया गया है की उन नामों का स्मरण करने से क्या लाभ मिलता है,यह दिया गया है।सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥1॥परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्।सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥1. सोमनाथ (गुजरात):- उपलिंग: क्रुतसौमेश्वर2. मल्लिकार्जुन(आंध्र प्रदेश):- उपलिंग: अर्जुनेश्वर3. महाकालेश्वर(मध्य प्रदेश):- उपलिंग: सहस्त्रार्जुनेश्वर4. ओंकारेश्वर(मध्य प्रदेश):- उपलिंग: अर्धनारीश्वर5. केदारनाथ(उत्तराखंड):- उपलिंग: त्र्यम्बकेश्वर6. भिमाशंकर(महाराष्ट्र):- उपलिंग: भीमेश्वर7. काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश):- उपलिंग: अविमुक्तेश्वर8. त्र्यंबकेश्वर(महाराष्ट्र):- उपलिंग: रुद्रेश्वर9. वैद्यनाथ(झारखंड):- उपलिंग: वैद्यनाथेश्वर10. नागेश्वर(गुजरात):- उपलिंग: दारुकावनेश्वर11. रामेश्वर(तमिलनाडु):- उपलिंग: रामनाथेश्वर12. घृष्णेश्वर(महाराष्ट्र):- उपलिंग:
घुश्मेश्वर12 ज्योतिर्लिंग और उनके उपलिंग का विस्तृत विवरण1. सोमनाथ (गुजरात):- ज्योतिर्लिंग: सोमनाथ, जिसे’शिव का भगवान’ कहा जाता है, गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है।- उपलिंग: क्रुतसौमेश्वर, सोमनाथ के पूरक रूप में पूजा जाता है।
2. मल्लिकार्जुन(आंध्र प्रदेश):- ज्योतिर्लिंग: श्रीशैलम में स्थित, मल्लिकार्जुन शिव और पार्वती का दिव्य निवास स्थान है।- उपलिंग: अर्जुनेश्वर, मल्लिकार्जुन के रूप में पूजनीय है।
3. महाकालेश्वर(मध्य प्रदेश):- ज्योतिर्लिंग: उज्जैन में स्थित, महाकालेश्वर शिव का सबसे शक्तिशाली रूप माना जाता है।- उपलिंग: सहस्त्रार्जुनेश्वर, महाकालेश्वर का सहायक लिंग है।
4. ओंकारेश्वर(मध्य प्रदेश):- ज्योतिर्लिंग: ओंकारेश्वर, नर्मदा नदी के तट पर स्थित है और शिव के ओंकार रूप का प्रतिनिधित्व करता है।- उपलिंग: अर्धनारीश्वर, जो शिव और पार्वती के संयुक्त रूप का प्रतीक है।
5. केदारनाथ(उत्तराखंड):- ज्योतिर्लिंग: हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित, केदारनाथ शिव का ध्रुवीय रूप है।- उपलिंग: त्र्यम्बकेश्वर, जो त्रिनेत्रधारी शिव का प्रतीक है।
6. भिमाशंकर(महाराष्ट्र):- ज्योतिर्लिंग: पुणे के पास स्थित, भिमाशंकर शिव का उग्र रूप है।- उपलिंग: भीमेश्वर, भिमाशंकर का ही एक अन्य रूप है।
7. काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश):- ज्योतिर्लिंग: वाराणसी में स्थित, काशी विश्वनाथ शिव का परमधाम है।- उपलिंग: अविमुक्तेश्वर, काशी विश्वनाथ का पूरक रूप है।
8. त्र्यंबकेश्वर(महाराष्ट्र):- ज्योतिर्लिंग: नासिक के पास स्थित, त्र्यंबकेश्वर शिव का त्रिनेत्र रूप है।- उपलिंग: रुद्रेश्वर, त्र्यंबकेश्वर का एक अन्य रूप है।
9. वैद्यनाथ(झारखंड):- ज्योतिर्लिंग: देवघर में स्थित, वैद्यनाथ शिव का चिकित्सक रूप है।- उपलिंग: वैद्यनाथेश्वर, वैद्यनाथ का ही एक अन्य रूप है।
10. नागेश्वर(गुजरात):- ज्योतिर्लिंग: द्वारका के पास स्थित, नागेश्वर शिव का नागों का स्वामी रूप है।- उपलिंग: दारुकावनेश्वर, नागेश्वर का पूरक रूप है।
11. रामेश्वर(तमिलनाडु):- ज्योतिर्लिंग: रामेश्वरम में स्थित, यह लिंग भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था।- उपलिंग: रामनाथेश्वर, रामेश्वरम का ही एक अन्य रूप है।
12. घृष्णेश्वर(महाराष्ट्र):- ज्योतिर्लिंग: एलोरा के पास स्थित, घृष्णेश्वर शिव का अंतिम ज्योतिर्लिंग है।- उपलिंग: घुश्मेश्वर, घृष्णेश्वर का पूरक रूप है।इन ज्योतिर्लिंगों और उपलिंगों की पूजा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और ये शिव भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं।