न्यूज डेस्क रायपुर : गुढियारी थाने क्षेत्र में गौ मांस के साथ पकड़ी गई महिला. महिला के पास से बरामद हुआ लगभग 7 किलो गौ मांस. स्थानीय गौ सेवकों की शिकायत पर जांच के लिये खाल बाड़ा पहुंची थी पुलिस. गुढियारी थाना में चल रही महिला से पूछताछ।
गौ तस्करी रोकने में भाजपा सरकार नाकाम, राजधानी में गौहत्या होना सरकार के निकम्मेपन का प्रमाण – कांग्रेस
कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार पर गौ हत्यारी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार की नाक के नीचे राजधानी रायपुर में गौसेवकों गौ मांस का पकड़ा जाना पूरे प्रशासनिक फेलियर और सरकार के निकम्मेपन का प्रमाण है। सरकार अपनी असफलता छुपाने सजा बढ़ाने को प्रचारित कर रही है, जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नही की जा रही है। जब से छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है गांव तस्करी की घटनाएं बढ़ गई है। फरवरी 2024 में कुम्हारी, सरोना के पास 120 गायों से भरे कंटेनर गौसेवकों ने पकड़ा था, जिसमें 13 गायों की मौत हो चुकी थी। हाईवे में फर्जी नंबर प्लेट लगा कंटेनर सरपट दौड़े, यह बिना सरकारी संरक्षण के संभव नहीं। आरंग में हाल ही में महानदी पुल पर गौ तस्करी के आरोप में लिंचिंग में तीन लोगों की हत्या हुई और अब राजधानी रायपुर के गुढियारी में गौ मांस पकड़े जाने की घटना, भारतीय जनता पार्टी की संवेदनहीनता, अकर्मण्यता, गौ तस्करों और गौ हत्यारे को मिलने वाले संरक्षण का प्रमाण है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी गाय और गोबर के नाम पर केवल राजनीति करती है, काम कुछ नही, उल्टे ये तो बीफ कंपनियों से चंदा खाते हैं, फर्जी गौशालयों को अनुदान देकर उनसे कमीशन वसूलते हैं। इलेक्टोरल बांड और पार्टी फंड में बीफ कम्पनियों से भाजपा द्वारा वसूले गए चंदे, छत्तीसगढ़ में 15 साल भाजपा की सरकार के दौरान शगुन गौशाला, मयूरी गौशाला और सेठ फूलचंद गौशाला जैसे उदाहरण सर्वाधित हैं।
वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में गौ सरंक्षण के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के द्वारा बनाई गई महत्वपूर्ण गोठान योजना को भाजपा की सरकार बनने के बाद दुर्भावना पूर्वक बंद कर दिया गया, गौ अभ्यारण का कुछ अता-पता नहीं। गोवंशी पशु सड़कों पर भटकने मजबूर हैं, प्रदेश के किसान खुली चराई से परेशान हैं, रोका छेका का कार्यक्रम कहीं पर भी नहीं चल रहा है, राहगीर भी सड़कों पर बैठे मवेशियों के चलते दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, गोवंश भी सड़कों पर बे मौत मरने मजबूर है, लेकिन साय सरकार व्यवस्था सुधारने के बजाय केवल नए कानून का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियां से भाग रही है। राजधानी रायुपर के गुढ़ियारी में गौ हत्या का मामला साय सरकार पर लगा कलंक है।