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अमेठी में लगा नारा “हिंदुस्तान में रहना है तो या हुसैन कहना है इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस अपना मत स्पष्ट करे : रोहरा

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रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री जगदीश (रामू) रोहरा ने उत्तरप्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र में लगे नारे “भारत में यदि रहना है, या हुसैन कहना है ” को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और भारतविरोधी बताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस इस पर अपना मत स्पष्ट करे। अमेठी में इस तरह के नारे लगने के बाद कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह इस तरह के मजहबी उन्माद को ठीक मानती है? अमेठी, जिसे कांग्रेस अपने परिवार की सीट बताती है, में इस तरह के नारे से कांग्रेस का असली राजनीतिक चरित्र खुलकर सामने आ गया है। श्री रोहरा ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को भारत विरोध और मजहबी उन्माद तक ले जाकर कांग्रेस देश में न केवल अराजकता फैलाने के अपने नए सियासी एजेंडे पर काम कर रही है, अपितु यह भी साफ कर रही है कि सत्ता की लालसा में विदेशी ताकतों के हाथों की कठपुतली तक बनने से उसे कोई गुरेज नहीं है। यह उन्मादी और घोर देशविरोधी नारा लगाने का यह दुस्साहस कांग्रेस के तुष्टीकरण की नीति के कारण हुआ है।

रोहरा ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं को भी यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह अमेठी के इस वाकये से कोई इत्तेफाक रखते हैं? यह जगजाहिर है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता भी तुष्टीकरण करके साम्प्रदायिक राजनीति की राह पर चलते रहे हैं। श्री रोहरा ने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टीकरण का यह खेल खेलते हुए अपने पाँच साल के शासनकाल में एक ओर भगवा ध्वज के अपमान को लेकर बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को न केवल नजरंदाज किया, बल्कि राजनीतिक संरक्षण में मजहबी उन्माद की आग में पूरे प्रदेश को झुलसा दिया था, वहीं दूसरी ओर जबरिया धर्मांतरण के एजेंडे को शह देकर आदिवासियों में वर्ग संघर्ष की नौबत ला दी थी। श्री रोहरा ने कहा कि लव जिहाद के नाम पर बिरनपुर में भुनेश्वर साहू की मॉब लिंचिंग करके हत्या के मामले में कांग्रेस की तत्कालीन भूपेश सरकार ने जिस प्रकार बहुसंख्यक समाज को ही प्रताड़ित करने का काम किया था। यही कांग्रेस का मूल राजनीतिक चरित्र है और इसीलिए कभी कांग्रेसियों के मुँह से भगवान श्री राम के विरोध की बात सुनी जाती है तो कभी हिन्दुत्व और सनातन को लेकर घृणित टिप्पणियाँ सुनी जाती हैं। श्री रोहरा ने कहा कि ‘मोदी-विरोध’ में अंधी हो चुकी कांग्रेस की राजनीतिक समझ पर इस कदर पाला पड़ चुका है कि वह भारत, हिन्दुत्व, सनातन के विरोध के बाद इस प्रकार के देशद्रोहपूर्ण नारों का विरोध नही कर रही।

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