Home Breaking परा,अपरा और परापरा कश्मीर शैव धर्म की त्रिशक्तियाँ…..जानिए उनका पूरा रहस्य

परा,अपरा और परापरा कश्मीर शैव धर्म की त्रिशक्तियाँ…..जानिए उनका पूरा रहस्य

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परा, अपरा और परापरा कश्मीर शैव धर्म की त्रिशक्तियाँ…

न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: कश्मीर शैव धर्म में त्रिशक्तियों का महत्वपूर्ण स्थान है। त्रिशक्तियों में परा, अपरा और परापरा का वर्णन है, जो शिव और शक्ति के संबंध को गहराई से समझाते हैं।

ये तीनों शक्तियाँ, शिव के विभिन्न रूपों और उनके प्रभावों को दर्शाती हैं।

1. परा शक्ति
परा शक्ति को सर्वोच्च शक्ति माना जाता है। यह शिव की अधिष्ठात्री शक्ति है और इस शक्ति के माध्यम से सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की सृष्टि, स्थिति और संहार होता है। परा शक्ति को अद्वितीय, अनंत और सर्वव्यापी माना जाता है। यह शिव के निराकार स्वरूप से जुड़ी होती है और इसे परम चेतना या परमशक्ति भी कहते हैं।

2. अपरा शक्ति
अपरा शक्ति को निम्न शक्ति के रूप में माना जाता है। यह वह शक्ति है जो विश्व की भौतिक और मानसिक सीमाओं के भीतर कार्य करती है। अपरा शक्ति की जिम्मेदारी है कि वह जीवों की सामान्य गतिविधियों और उनके भौतिक अस्तित्व को संभाले। इसे माया शक्ति भी कहा जाता है, जो जीवों को भ्रमित करती है और उन्हें अपनी वास्तविक आत्मा से दूर रखती है।

3. परापरा शक्ति
परापरा शक्ति एक मध्यवर्ती शक्ति है, जो परा और अपरा दोनों के गुणों को समाहित करती है। यह शक्ति, शिव के साकार और निराकार स्वरूपों के बीच का सेतु है। परापरा शक्ति सृष्टि की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह दोनों ही शक्तियों का संतुलन बनाए रखती है। यह शक्ति जीवों को उनकी आत्मा की वास्तविकता का बोध कराती है और उन्हें मोक्ष की ओर अग्रसर करती है।

कश्मीर शैव दर्शन में त्रिशक्तियों का महत्व
कश्मीर शैव दर्शन में त्रिशक्तियों का विशिष्ट महत्व है। यह दर्शन शिव को सर्वोच्च ईश्वर के रूप में मानता है और त्रिशक्तियों के माध्यम से उनकी विभिन्न शक्तियों और कार्यों का वर्णन करता है। त्रिशक्तियों का यह सिद्धांत हमारे जीवन और ब्रह्माण्ड की जटिलताओं को समझने में मदद करता है और हमें यह सिखाता है कि कैसे शिव और शक्ति के विभिन्न पहलुओं को पहचानकर हम अपने आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर हो सकते हैं।

परा, अपरा और परापरा शक्तियाँ कश्मीर शैव धर्म के गहरे रहस्यों को उजागर करती हैं।

यह त्रिशक्तियाँ हमें यह समझने में मदद करती हैं कि कैसे शिव और शक्ति की विविधता सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त है और कैसे हम उनकी कृपा से अपनी आत्मा की वास्तविकता को पहचान सकते हैं।

कश्मीर शैव दर्शन की ये त्रिशक्तियाँ आध्यात्मिक उन्नति के पथ पर हमें मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

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