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डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का नाम बदलकर अपनी नाकामियों को ढकने का कुत्सित प्रयास कर रही है भाजपा सरकार

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न जांच, न दवा, न इलाज, भाजपा सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, दर दर भटक रहे मरीज़ बेमौत मरने मजबूर

भाजपा की सरकारें पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दुर्भावना पूर्वक काम करती है

रायपुर : पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के द्वारा आरंभ किए गए डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के नाम बदले जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए

वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के साय सरकार के आने के बाद से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकारी अस्पतालों में ना जांच हो रहा है, ना इलाज। दवाओं के अभाव में मरीज खाली हाथ लौटने मजबूर हैं। टीबी तक की दवा सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रहा है, मरीजों को पोषण आहार सहायता राशि भाजपा की सरकार आने के बाद से बंद है। नियमित पदों पर भर्तियां रोक रखी है, दैनिक वेतन भोगियों को निकाला जा रहा है, अनियमित कर्मचारियों के वेतन रोक दिया गया है। आयुष्मान कार्ड से इलाज करने वाले अस्पतालों का भुगतान रोक दिया गया है, कई छोटे अस्पताल जो आयुष्मान से इलाज पर निर्भर थे, उनमें तालाबंदी की नौबत आ गई है। अपनी नाकामी को ढाकने के लिए दुर्भावनापूर्वक छत्तीसगढ़ के स्वप्नदृष्टा डॉक्टर खूबचंद बघेल के नाम पर चालू किए गए महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य सहायता योजना का नाम बदल गया है। भाजपा सरकार की दुर्भावना और अकर्मण्यता के चलते ही छत्तीसगढ़ में मरीज बे-मौत मरने मजबूर है। साय सरकार को योजना का नाम बदलने के बजाय बेहतर क्रियान्वयन पर ध्यान देना चाहिए।

सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दुर्भावना पूर्वक काम करती है। छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में चंदूलाल चंद्राकार, माधवराव सप्रे, पंडित सुंदरलाल शर्मा जैसे युगपुरुष हुए लेकिन पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नाम पर संचालित है, जिनका छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में योगदान निरंक है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम चंदूलाल चंद्राकर जी के नाम पर करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया था भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर आज तक राजभवन में लंबित है। कांग्रेस की सरकार के समय छत्तीसगढ़ के महान विभूति परम पूज्य गुरु घासीदास, वीर नारायण सिंह, स्वामी आत्मानंद, वामनराव लाखे, वीर गुंडाधुर, छोटेलाल श्रीवास्तव, स्वर्गीय मिनी माता, चंदूलाल चंद्राकार, माधवराव सप्रे, बैरिस्टर छेदीलाल, पंडित सुंदरलाल शर्मा और पंडित रविशंकर शुक्ल जैसे अनेकों छत्तीसगढ़ के पुरोधाओं के नाम पर योजनाएं और स्थलों का नामकरण किया गया था। भारतीय जनता पार्टी के लिए तो केवल दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और कुशाभाऊ ठाकरे ही महापुरुष है, छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ के महापुरूष और छत्तीसगढ़िया अस्मिता से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को हिकारत है।

वर्मा ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने विगत 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में 54 नयी योजनाएं संचालित की, वर्तमान भाजपा सरकार पुरानी योजनाओं का नाम बदलने का काम कर रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ के 13 विश्वविद्यालयों में स्थानीय प्रतिभाओं को नियुक्त किया था, कुलपति के पद पर योग्य छत्तीसगढ़िया विभूतियों को अवसर मिला, अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कार्यकाल पूरा होने से पहले स्थानीय शिक्षा वेदों को बदलकर बाहर के संघी भाजपाईयों को उपकृत किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपनी नाकामियों को ढकने के लिए महापुरुषों के नाम पर केवल राजनीति कर रही है।

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