न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: भगवान ने हर युग धरती की रक्षा के लिए अवतार लिए है। इसलिए भगवान श्री कृष्ण में गीता में कहा है –
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥४-७॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥४-८॥
अर्थ : मैं अवतार लेता हूं. मैं प्रकट होता हूं. जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं। जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं, दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं।
शालिग्राम शिला हिंदू धर्म में विष्णु के विभिन्न अवतारों का प्रतिनिधित्व करने वाले पवित्र पत्थर होते हैं। ये शालिग्राम शिलाएँ विशेष रूप से नेपाल के काली गंडकी नदी में पाई जाती हैं।
श्री हरि विष्णु के दशावतारों को विभिन्न प्रकार के शालिग्रामों के माध्यम से पूजा जाता है।
श्री हरि विष्णु के दशावतार और उनके संबंधित शालिग्राम का विवरण :-
1. मत्स्य अवतार (Fish) : मत्स्य अवतार को भगवान विष्णु का पहला अवतार कहा जाता है. इसमें भगवान मछली के अवतार में प्रकट हुए थे और उन्होंने दैत्य हयग्रीव का वध कर वेदों की रक्षा की थी. हयग्रीव ने वेदों को समुद्र की गहराई में छिपा दिया था. इस तरह से मत्स्य अवतार में प्रकट होकर भगवान विष्णु ने वेदों की रक्षा की.
पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु ने सृष्टि को प्रलय से बचाने के लिए मत्स्यावतार लिया था
– शालिग्राम: यह शालिग्राम मछली की आकृति का होता है और इसका रंग काले या गहरे भूरे रंग का होता है। यह मत्स्य अवतार का प्रतिनिधित्व करता है।
2. कूर्म अवतार (Tortoise) : कच्छप या कूर्म अवतार में भगवान विष्णु कछुआ के रूप में प्रकट हुए थे. इस अवतार में विष्णु जी ने समुद्र मंथन के दौरान मंदार पर्वत को अपनी पीठ कर धारण किया, जिससे देवताओं और असुरों के बीच अमृत के लिए समुद्र मंथन हो सका.
– शालिग्राम: कूर्म शालिग्राम कछुए की आकृति का होता है और इसका रंग सामान्यतः गहरे काले रंग का होता है। यह विष्णु के कूर्म अवतार का प्रतीक है।
3. वराह अवतार (Boar) : भगवान विष्णु का तीसरा अवतार वराह अवतार था. इस अवतार में विष्णु जी आधे मानव और आधे सुअर के रूप में प्रकट हुए और राक्षस हिरण्यकशिपु के भाई हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को मुक्त कराया. हिरण्याक्ष ने पृथ्वी का हरण कर उसे समुद्र की गहराई में छिपा दिया था.
– शालिग्राम: यह शालिग्राम वराह की तरह दिखता है और इसका रंग काले रंग का होता है। यह वराह अवतार का प्रतिनिधित्व करता है।
4. नृसिंह अवतार (Man-Lion) : पुराणों में नृरसिंह अवतार को भगवान विष्णु का चौथा अवतार बताया गया है. इस अवतार में प्रकट होकर उन्होंने भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की और उसके पिता हिरण्यकश्यप का वध किया.
– शालिग्राम: नृसिंह शालिग्राम का आकार शेर के मुख जैसा होता है और यह सामान्यतः काले रंग का होता है। यह नृसिंह अवतार का प्रतीक है।
5. वामन अवतार (Dwarf) : वामन अवतार में भगवान विष्णु बटुक ब्राह्मण के रूप में धरती पर आए थे. इस अवतार में उन्होंने प्रह्लाद के पौत्र राजा बलि से दान में तीन पद धरती मांगी और तीन कदम में अपने पैर से तीन लोक नापकर बलि का घमंड तोड़ दिया.
– शालिग्राम: यह शालिग्राम छोटे आकार का होता है और इसका रंग काले या भूरे रंग का होता है। यह वामन अवतार का प्रतिनिधित्व करता है।
6. परशुराम अवतार (Warrior with an Axe) : भगवान विष्णु शिवभक्त परशुराम के अवतार में भी प्रकट हुए. इस अवतार में उन्होंने राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और भृगवंशीय जमदग्नि के पुत्र बनकर जन्म लिया. इस अवतार में उन्होंने क्षत्रियों के अहंकारी विध्वंश से संसार को बचाया.
– शालिग्राम: परशुराम शालिग्राम पर कुल्हाड़ी की आकृति होती है और यह काले रंग का होता है। यह परशुराम अवतार का प्रतीक है।
7. राम अवतार (Prince of Ayodhya) : त्रेता युग में भगवान विष्णु ने श्रीराम अवतार में जन्म लिया. वे अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे. इस अवतार में राम जी ने रावण के आतंक और पाप से संसार को मुक्त कराया.
– शालिग्राम: राम शालिग्राम पर धनुष की आकृति होती है और इसका रंग काले या भूरे रंग का होता है। यह राम अवतार का प्रतिनिधित्व करता है।
8. कृष्ण अवतार (Divine Statesman) : द्वापर युग में कृष्ण अवतार में भगवान विष्णु का जन्म हुआ था. इस अवतार में उन्होंने अधर्म को समाप्त कर धर्म की पुन: स्थापना के लिए महाभारत के धर्मयुद्ध में अर्जन के सारथी बने.
– शालिग्राम: कृष्ण शालिग्राम में सामान्यतः बांसुरी की आकृति होती है और इसका रंग गहरे काले रंग का होता है। यह कृष्ण अवतार का प्रतीक है।
9. बुद्ध अवतार (The Enlightened One) : विष्णु जी के दशावतारों में एक अवतार महात्मा गौतम बुद्ध भी है. इनका नाम सिद्धार्थ था. इन्हें बौद्ध धर्म का संस्थापक माना जाता है.
– शालिग्राम: बुद्ध शालिग्राम में ध्यान मुद्रा का संकेत होता है और इसका रंग सामान्यतः काले रंग का होता है। यह बुद्ध अवतार का प्रतिनिधित्व करता है।
10. कल्कि अवतार (Future Warrior) : धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु का अंतिम और दसवां अवतार कल्कि अवतार होगा. इस अवतार में विष्णु जी कलयुग के अंत में प्रकट होंगे और धरती के सभी पाप व बुरे कर्मों का विनाश होगा. इसके बाद फिर से सतयुग की शुरुआत होगी. इस अवातर में विष्णु जी देवदत्त नामक घोड़े पर आरूढ़ होकर तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे.
– शालिग्राम: कल्कि शालिग्राम घोड़े की आकृति का होता है और इसका रंग सामान्यतः काले रंग का होता है। यह कल्कि अवतार का प्रतीक है।
शालिग्राम शिलाओं को पूजा में इस्तेमाल करने का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों का सम्मान करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना है।
हिंदू धर्म में इन शिलाओं को अत्यंत पवित्र माना जाता है और इन्हें घर में रखने से शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।