न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: जब हम किसी देवता का पूजन करते हैं तो सामान्यतः दीपक जलाते हैं। दीपक किसी भी पूजा का महत्त्वपूर्ण अंग है । हमारे मस्तिष्क में सामान्यतया घी अथवा तेल का दीपक जलाने की बात आती है और हम जलाते हैं। दीपक कैसा हो, उसमे कितनी बत्तियां हों , इसका भी एक विशेष महत्त्व है। उसमें जलने वाला तेल व घी किस-किस प्रकार का हो, इसका भी विशेष महत्त्व है। उस देवता की कृपा प्राप्त करने और अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए ये सभी बातें महत्वपूर्ण हैं।दीपक कई प्रकार के हो सकते हैं। जैसे मिट्टी, आटा, तांबा, चांदी, लोहा, पीतल अथवा स्वर्ण धातु का। मूंग, चावल, गेहूं, उड़द तथा ज्वार को समान भाग में लेकर उसके आटे से बना दीपक सभी प्रकार की साधनाओं में श्रेष्ठ होता है। किसी-किसी साधना में अखंड ज्योति जलाने का भी विशेष विधान है जिसे गाय के शुद्ध घी और तिल के तेल के साथ भी जलाया जा सकता है। यह प्रयोग विशेषत: आश्रमों और देव स्थानों के लिए करना चाहिए।अगर हमें आर्थिक लाभ प्राप्त करना हो तो नियम पूर्वक अपने घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
यहाँ विभिन्न देवताओं और ग्रहों के लिए जलाए जाने वाले दीपकों का विवरण प्रस्तुत है:1. सूर्य देव(Surya Dev)- दीपक: तांबे का दीपक- तेल: तिल का तेल (या शुद्ध घी)- दिन: रविवार- लाभ: सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
2. चंद्र देव(Chandra Dev)- दीपक: चांदी का दीपक (या मिट्टी का दीपक)- तेल: गाय का घी- दिन: सोमवार- लाभ: मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
3. मंगल देव(Mangal Dev)- दीपक: तांबे का दीपक- तेल: तिल का तेल- दिन: मंगलवार- लाभ: ऊर्जा, साहस, और संघर्ष में सफलता प्राप्त होती है।
4. बुध देव(Buddh Dev)- दीपक: कांस्य या पीतल का दीपक- तेल: गाय का घी- दिन: बुधवार- लाभ: बुद्धि, व्यापार, और संवाद में सफलता मिलती है।
5. गुरु देव(Guru Dev)- दीपक: पीतल या सोने का दीपक- तेल: शुद्ध घी- दिन: गुरुवार- लाभ: ज्ञान, शिक्षा, और आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है।
6. शुक्र देव(Shukra Dev)- दीपक: चांदी या स्टील का दीपक- तेल: गाय का घी- दिन: शुक्रवार- लाभ: प्रेम, विवाह, और भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है।
7. शनि देव(Shani Dev)- दीपक: लोहे का दीपक (या मिट्टी का दीपक)- तेल: सरसों का तेल- दिन: शनिवार- लाभ: शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है।
8. राहु और केतु (Rahu and Ketu)- दीपक: मिट्टी का दीपक- तेल: सरसों का तेल- दिन: राहु के लिए बुधवार और केतु के लिए शनिवार- लाभ: राहु और केतु के दोषों से मुक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
9. भगवान गणेश(Lord Ganesha)- दीपक: मिट्टी का दीपक- तेल: गाय का घी- दिन: बुधवार- लाभ: सभी कार्यों में सफलता, विघ्नों का नाश, और बुद्धि में वृद्धि होती है।
10. देवी लक्ष्मी(Goddess Lakshmi)- दीपक: चांदी का दीपक (या मिट्टी का दीपक)- तेल: शुद्ध घी- दिन: शुक्रवार- लाभ: धन, समृद्धि, और सुख-शांति प्राप्त होती है।
11. भगवान शिव(Lord Shiva)- दीपक: तांबे का दीपक- तेल: शुद्ध घी- दिन: सोमवार- लाभ: मानसिक शांति, आरोग्य, और मोक्ष प्राप्ति होती है।
12. देवी दुर्गा(Goddess Durga)- दीपक: मिट्टी का दीपक- तेल: शुद्ध घी- दिन: मंगलवार और शुक्रवार- लाभ: शक्ति, साहस, और सभी बुराइयों से रक्षा होती है।
1. हमें आर्थिक लाभ प्राप्त करना हो तो नियम पूर्वक अपने घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
2. हमें शत्रुओं से पीड़ा हो तो सरसों के तेल का दीपक भैरव जी के सामने जलाना चाहिये।
3. भगवान सूर्य की प्रसन्नता के लिए घी का दीपक जलाना चाहिए ।
4. शनि के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
5. पति की दीर्घायु के लिए गिलोय के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
6. राहु तथा केतु ग्रह के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
7. किसी भी देवी या देवता की पूजा में गाय का शुद्ध घी तथा एक फूल बत्ती या तिल के तेल का दीपक आवश्यक रूप से जलाना चाहिए।
8. भगवती जगदंबा व दुर्गा देवी की आराधना के समय एवं माता सरस्वती की आराधना के समय तथा शिक्षा-प्राप्ति के लिए दो मुखों वाला दीपक जलाना चाहिए।
9. भगवान गणेश की कृपा-प्राप्ति के लिए तीन बत्तियों वाला घी का दीपक जलाना चाहिए।
10. भैरव साधना के लिए सरसों के तेल का चैमुखी दीपक जलाना चाहिए।
11. मुकदमा जीतने के लिए पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए।
12. भगवान कार्तिकेय की प्रसन्नता के लिए गाय के शुद्ध घी या पीली सरसों के तेल का पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए ।
13. भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए आठ तथा बारह मुखी दीपक पीली सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
14. भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए।
15. लक्ष्मी जी की प्रसन्नता के लिए घी का सात मुखी दीपक जलाना चाहिए।
16. भगवान विष्णु की दशावतार आराधना के समय दस मुखी दीपक जलाना चाहिए।
17. इष्ट-सिद्धि तथा ज्ञान-प्राप्ति के लिए गहरा तथा गोल दीपक प्रयोग में लेना चाहिए।
18. शत्रुनाश तथा आपत्ति निवारण के लिए मध्य में से ऊपर उठा हुआ दीपक प्रयोग में लेना चाहिए।
19. लक्ष्मी-प्राप्ति के लिए दीपक सामान्य गहरा होना चाहिए।
20. हनुमानजी की प्रसन्नता के लिए तिकोने दीपक का प्रयोग करना चाहिए और उसमें चमेली के तेल का प्रयोग करना चाहिए।इन प्रकार के दीपक जलाने से संबंधित देवता या ग्रह के प्रभाव को संतुलित करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। यह धार्मिक अनुष्ठान व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने में सहायक होते हैं।