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मिट्टी घड़े का फायदा: सेहत के लिए अमृत है मिट्टी घड़े का पानी….जानिए और भी अनेकों फायदे

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सेहत के लिए अमृत है मिट्टी घड़े का पानी…

न्यूज डेस्क छत्तीसगढ़: गरीबों का फ्रिज घड़े का पानी स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से अमृत होता है, लेकिन इसे ऐसे ही अमृत नहीं बोलते, बल्कि वास्‍तव में घड़े का पानी सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद है, इसके फायदों को जानकर घड़े का पानी पीना शुरू कर देंगे आप।

1:- अमृत है घड़े का पानी पीढ़ियों से, भारतीय घरों में पानी स्‍टोर करने के लिए मिट्टी के बर्तन यानी घड़े का इस्तेमाल किया जाता है। आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो इन्हीं मिट्टी से बने बर्तनो में पानी पीते है। ऐसे लोगों का मानना है कि मिट्टी की भीनी-भीनी खुशबू के कारण घड़े का पानी पीने का आनंद और इसका लाभ अलग है। दरअसल, मिट्टी में कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार मिट्टी के बर्तनों में पानी रखा जाए, तो उसमें मिट्टी के गुण आ जाते हैं। इसलिए घड़े में रखा पानी हमें स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

2:- चयापचय Metabolism को बढ़ावानियमित रूप से घड़े का पानी पीने से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। प्‍लास्टिक की बोतलों में पानी स्‍टोर करने से, उसमें प्‍लास्टिक से अशुद्धियां इकट्ठी हो जाती है और वह पानी को अशुद्ध कर देता है। साथ ही यह भी पाया गया है कि घड़े में पानी स्‍टोर करने से शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरोन का स्‍तर बढ़ जाता है।

3:- पानी में पीएच का संतुलनघड़े का पानी पीने का एक और लाभ यह भी है कि इसमें मिट्टी में क्षारीय गुण विद्यमान होते है। क्षारीय पानी की अम्लता के साथ प्रभावित होकर, उचित पीएच संतुलन प्रदान करता है। इस पानी को पीने से एसिडिटी पर अंकुश लगाने और पेट के दर्द से राहत प्रदान पाने में मदद मिलती हैं।

4:- गले को ठीक रखेआमतौर पर हमें गर्मियों में ठंडा पानी पीने की तलब होती है और हम फिज्र से ठंडा पानी ले कर पीते हैं। ठंडा पानी हम पी तो लेते हैं लेकिन बहुत ज्‍यादा ठंडा होने के कारण यह गले और शरीर के अंगों को एक दम से ठंडा कर शरीर पर बहुत बुरा प्रभावित करता है। गले की कोशिकाओं का ताप अचानक गिर जाता है जिस कारण व्याधियां उत्पन्न होती है। गले का पकने और ग्रंथियों में सूजन आने लगती है और शुरू होता है शरीर की क्रियाओं का बिगड़ना। जबकि घडें को पानी गले पर सूदिंग प्रभाव देता है।

5:- गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंदगर्भवती को फ्रिज में रखे, बेहद ठंडे पानी को पीने की सलाह नहीं दी जाती। उनसे कहा जाता है कि वे घड़े या सुराही का पानी पिएं। इनमें रखा पानी न सिर्फ उनकी सेहत के लिए अच्‍छा होता है, बल्कि पानी में मिट्टी का सौंधापन बस जाने के कारण गर्भवती को बहुत अच्‍छा लगता है।

6:- वात को नियंत्रित करेगर्मियों में लोग फ्रिज का या बर्फ का पानी पीते है, इसकी तासीर गर्म होती है। यह वात भी बढाता है। बर्फीला पानी पीने से कब्ज हो जाती है तथा अक्सर गला खराब हो जाता है। मटके का पानी बहुत अधिक ठंडा ना होने से वात नहीं बढाता, इसका पानी संतुष्टि देता है। मटके को रंगने के लिए गेरू का इस्तेमाल होता है जो गर्मी में शीतलता प्रदान करता है। मटके के पानी से कब्ज ,गला ख़राब होना आदि रोग नहीं होते।

7:- विषैले पदार्थ सोखने की शक्तिमिटटी में शुद्धि करने का गुण होता है यह सभी विषैले पदार्थ सोख लेती है तथा पानी में सभी जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाती है। इसमें पानी सही तापमान पर रहता है, ना बहुत अधिक ठंडा ना गर्म।

कैसे करें मटके की देखभाल?1. हर सप्ताह में दो बार मटका गुनगुने पानी से साफ़ करें. मटके की सफाई के बाद इसमें फ्रेश पानी भरें.

2. मटके को एक स्टैंड कर रखें ताकि ये बहुत ज्यादा हिले नहीं

3. किसी सफ़ेद कॉटन के कपडे को गीला कर मटके का मुंह बांध कर रखें ताकि इसमें मिट्टी के कण प्रवेश न कर सकें. हो सके तो इसे ढंकने के लिए मिट्टी के ढक्कन का इस्तेमाल करें

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