रायपुर : अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा रविवार की दोपहर को सिहोर से सीधे राजधानी रायपुर पहुंचें. जहां रविवार की शाम को हठकेश्वर महादेव घाट से कथा स्थल अमलेश्वर तक भव्य कलश यात्रा निकली जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन शामिल हुए और सभी की जुंबान पर सिर्फ एक ही शब्द गूंज रहा था श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं…। कलश यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ते जा रहा था लोग अपने – अपने घरों व दुकानों से बाहर निकलकर पुष्प वर्षा कर अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा का स्वागत कर रहे थे। इस दौरान मुख्य आकर्षण का केंद्र लैजर लाइट, भव्य झांकी व डीजे रहा। सोमवार की दोपहर को 1 बजे से शाम 4 बजे तक समर्पण विषय के माध्यम से भगवान शिव का महिमा का वर्णन श्रद्धालुजनों को बताएंगे। कथा 2 जून तक चलेगा और 2 जून को कथा सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगी।
माना विमानतल पर हुआ कथा वाचक प्रदीप मिश्रा का भव्य स्वागत अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा सिहोर से सीधे दोपहर 3.20 बजे नियमित विमान से राजधानी रायपुर पहुंचे. जहां आयोजक पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू के अलावा आयोजक परिवारजनो ने भव्य स्वागत किया।
कलश यात्रा में उमड़ा रायपुर व अमलेश्वर भव्य कलश यात्रा निकलने से पहले अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने हठकेश्वर महादेव घाट में भगवान महादेव की पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद रथ में सवार होकर प्रदीप मिश्रा हजारों की संख्या में पहुंचे महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के साथ कलश यात्रा में निकल पड़े। इस दौरान सभी लोग एक ही स्वर में कह रहे थे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं…। हर-हर महादेव। कलश यात्रा के आगे लैजर लाइट, भव्य झांकी व डीजे लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा जो देखते ही बन रहा था।
जैसे-जैसे कलश यात्रा आगे बढ़ते जा रहा था लोग खुद ब खुद इसमें शामिल होते चले जा रहे थे। जो लोग इस कलश यात्रा में शामिल नहीं हो सकें वे अपने घरों व दुकानों के बाहर से अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत कर रहे थे क्योंकि अमलेश्वर की पावन धरती पर उनका पहली बार आगमन हो रहा था। उनके स्वागत में रायपुर और अमलेश्वर के लोग बड़ी संख्या में उमड़े थे। कलश यात्रा में शामिल लोगों को इस भीषण गर्मी में कोई परेशानी न हो इसके लिए मठा, शरबत और पानी का वितरण किया जा रहा था। सुरक्षा की दृष्टि से रायपुर और दुर्ग दोनों जिलों की पुलिस चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद थी और आवागमन को व्यस्थित कर रहे थे।