Home Chhattisgarh कांग्रेस ने भाजपा पे लगाया आरोप कहा सुझाव के झांसे के लिए...

कांग्रेस ने भाजपा पे लगाया आरोप कहा सुझाव के झांसे के लिए मोबाइल नंबर जारी करना और चुनाव के बाद फोन बंद रखना भाजपाइयों का चरित्र

118
0

झूठ और जुमलों को गारंटी बताना,मिस्ड कॉल से फर्जी सदस्य बनाना

रायपुर : जनता से सुझाव के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा मोबाइल नंबर जारी करने के दावे पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि झांसे में फसाना ही भाजपाइयों का मूल चरित्र है। मिस्ड कॉल से पार्टी के फर्जी कार्यकर्ता बनाते हैं और चुनाव निकालने के बाद उन कार्यकर्ताओं को भूल जाते हैं। जब अपने ही कार्यकर्ता के हक का गला घोटने में जरा भी झिझक नहीं होती फिर इन भाजपाइयों के नज़र में आम जनता की क्या अहमियत हैं? रायपुर लोकसभा में विगत 40 वर्षों से भाजपा के सांसद हैं जिनकी निष्क्रियता का नुकसान आम जनता ने भोगा है। राजधानी रायपुर में 35 साल से लगातार 8 बार के विधायक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बताएं की केंद्र में जब जब भाजपा की सरकारें आई तब तब छत्तीसगढ़ के हक़ और अधिकारों की उपेक्षा क्यों हुई? दलीय चाटुकारिता में भाजपाई छत्तीसगढ़ का हित क्यों भूल जाते हैं?

सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोबाईल के मिस्ड कॉल से फर्जी सदस्य बनाकर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाले भाजपाई छत्तीसगढ़ में इतने कमजोर हो चुके हैं कि दूसरे दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने पार्टी में शामिल करवाने के लिये अपनी पार्टी के भीतर एक अलग से विभाग बनाया गया है, जिसके प्रभारी भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। ईडी, आईटी और सीबीआई इस काम में भाजपा के प्रमुख मोर्चा संगठन की भूमिका में है। चिंतामणि महाराज और नवीन जिंदल इसके ताजा उदाहरण है। यह दोनों नेता भाजपा में शामिल होकर लोकसभा चुनाव में टिकट पा गए। आम जनता तो छोड़िए दागियों को टिकट देने से पहले भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं तक से नहीं पूछा फिर सुझाव के लिए नंबर जारी करने का औचित्य क्या है?

वर्मा ने कहा है कि मोदी, शाह के वर्तमान दौर में भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की सरकार में केवल हम दो और हमारे दो का कब्जा है। डर और लालच से अपने कुशासन का सम्राज्य बचाये रखने के लिये तरह-तरह के कुत्सित प्रयास किये जा रहे है। किसी के सलाह और सुझाव की कोई अहमियत नहीं है, मोबाइल नंबर जारी करना केवल एक झांसा है। भाजपा के भीतर चाहे प्रत्याशी चयन की बात हो या नीति निर्धारण के केवल दो ही लोग फैसला लेते हैं, आम जनता से सुझाव मांगने का दिखावा केवल और केवल राजनीतिक पाखंड है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here